हिंदी देवनागरी वर्णमाला | स्वर और व्यंजन | Hindi Varnamala PDF

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम हिंदी भाषा की वर्णमाला के बारे में पढ़ने जा रहें है। जैसा की आप सभी जानते हैं कि भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है तथा इसे लिखने का अपना एक क्रमबद्ध तरीका होता है। आइये देखते है हिंदी की वर्णमाला को कैसे लिखा और पढ़ा जाता है।

वर्ण की परिभाषा

वर्णों के व्‍यवस्थित समूह को वर्णमाला (Varnamala) कहा जाता है, वर्ण को ध्वनि भी कहते है।

Hindi Varnamala (हिंदी वर्णमाला)

हिंदी भाषा में वर्णों की संख्या 44 है, जिसमें 11 स्वर तथा 33 व्यंजन शामिल हैं। स्वरों तथा व्यंजनों को भी एक सुव्‍यवस्थित रूप में बांटा गया है। इसके अतिरिक्त हिंदी वर्णमाला में 2 अयोगवाह भी होते है।

स्वर की परिभाषा 

जिन वर्णों के उच्चारण या बोलने में किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें स्वर कहते है। हिंदी की वर्णमाला में 11 स्वरों को शामिल किया गया है।

स्वर के तीन भेद (Hindi Varnamala)

ह्रस्व स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में कम से कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है। मूल स्वरों की संख्या 4 होती है :- अ, इ, उ, ऋ।

दीर्घ स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व से दोगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता हैं। इनकी संख्या 7 होती है :- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

प्लुत स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है। जैसे :- ओ३म, राऽऽम आदि।

प्लुत स्वर का प्रयोग हिंदी में ना के बराबर ही होता है, किन्तु संस्कृत भाषा में इसे बहुधा प्रयोग में लाया जाता है।

अयोगवाह

अं अ:

हिंदी की वर्णमाला में मात्राओं की संख्या 10 होती है।

व्यंजन की परिभाषा :- जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है उन्हें व्यंजन कहा जाता है। हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन होते हैं।

व्यंजन के तीन भेद (Hindi Alphabet)

स्पर्श व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ मुँह के अंदर के भागों को ही स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहा जाता हैं। क से लेकर म तक 25 स्पर्श व्यंजन होते हैं।

घ 
त  थ  द 

अंतस्थ व्यंजन

जिन वव्यंजनों के उच्चारण में जीभ मुँह के भागों को पूरी तरह से स्पर्श नहीं करती है उन्हें अंतस्थ व्यंजन कहा जाता हैं। इनकी संख्या 4 होती है।

ऊष्म व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण से मुँह से गर्म हवा बाहर निकलती है उन्हें ऊष्म व्यंजन कहा जाता है। इनकी संख्या भी 4 ही होती है।

इसके अतरिक्त हिंदी वर्णमाला में 4 संयुक्त व्यंजन और 2 द्विगुण व्यंजन भी होते हैं।

संयुक्त व्यंजन

क्ष त्र ज्ञ श्र

द्विगुण व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में कुल वर्ण

11 स्वर + 33 व्यंजन + 4 संयुक्त व्यंजन  + 2 द्विगुण व्यंजन + 2 अयोगवाह = कुल 52 वर्ण

Hindi Varnamala FAQs

1. मानक हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या कितनी होती है?

44 वर्ण।

2. हिंदी वर्णमाला में स्वरों की एवं व्यंजनों की संख्या कितनी होती है?

स्वर – 11 तथा व्यंजन – 33

3. Hindi Varnamala में कुल कितने वर्ण होते हैं?

52 वर्ण।

4. हिंदी की वर्णमाला में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?

10 मात्राएँ।

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