अर्जुन देव कविताएँ / Arjun Dev Kavitayen तू मेरा सखा तू ही मेरा मीतु / अर्जुन देव मेरा मनु लोचै गुर दरसन ताई / अर्जुन देव तेरा मुखु सुहावा जीउ सहज धुनि बाणी / अर्जुन देव एक घड़ी न मिलते ता कलियुगु होता / अर्जुन देव भागु होआ गुरि संतु मिलाइिआ / अर्जुन देव