चिड़िया की बच्ची सार | चिड़िया की बच्ची प्रश्न उत्तर – Class 7th Hindi

Chidiya Ki Bacchi Question Answer

चिड़िया की बच्ची सार 

श्री जैनेंद्र कुमार ने चिड़िया की बच्ची कहानी लिखी है। उन्होंने इस कहानी में बताया कि धन-दौलत, सांसारिक सुख-सुविधाओं की अपेक्षा हर जीव को अपनी स्वतंत्रता और माता-पिता का प्यार अधिक प्रिय है। दूसरी ओर, लोग छोटे पक्षियों को लालये देकर उनका मन बहलाना चाहते हैं।सेठ माघवदास बहुत अमीर है। उसमें कई कोठिया हैं। उसने एक बड़ी और सुंदर कोठी बनाई है, जिसमें एक सुंदर बगीचा भी है। बगीचे में भी एक सुंदर फुव्वारा लगवाया गया है।

रोज शाम को सेठ माधवदास तख्त पर बैठकर अपने बगीचे का प्राकृतिक सौंदर्य देखता था। वह या तो किसी दूसरे से बातचीत करता या अकेले बैठे हुक्का पीकर अपने विचारों में समय बिताता। आज बादल छाए हुए थे, लेकिन बीच-बीच में धूप भी निकलती थी। माधवदास सब कुछ था, लेकिन फिर भी अपने आप को खाली महसूस कर रहा था. तभी एक छोटी-सी सुंदर चिड़िया कहीं से आकर उसके बगीचे की एक गुलाब की डाली पर बैठ गई।

माधवदास ने यह चिड़िया बहुत पसंद की। उसकी गर्दन लाल और गुलाबी थी। उसके पंखों पर भी कई रंगों का चित्र था। चिड़िया बगीचे में आकर बहुत खुश हो गई। चिड़िया की सुंदरता में भी माधवदास खो सा गया था। उसने अपने आप को नियंत्रित किया और चिड़िया से बोलने लगा। चिड़िया को बताता है कि उसने पक्षियों के लिए ही बगीचा बनाया है। माधवदास की बातें सुनकर चिड़िया कुछ संकुचित हो गई। उसने बताया कि वह वहाँ कुछ समय आराम करने के लिए रुकी थी।

अब मैं यहां से चला जाऊँगा। माधवदास की बात सुनकर चिड़िया ने फुदकना और चहकना बंद कर दिया। माधवदास चाहता था कि यह चिड़िया न केवल बगीचे में बल्कि महल में भी चहचहाए और फुदके। चिड़िया ने बताया कि वह अपनी मां से मिलने जा रही है। उसका इंतजार उसकी माँ करेगी। माधवदास ने चिड़िया को रोकने के लिए कई लालच दिये। वह कभी-कभी चिड़िया से कहता है कि उसे सोने का पिंजस बनवाकर दूंगा, सोने की कटोरी में पानी पीना, उत्तम भोजन देना आदि, लेकिन इन बातों का चिड़िया पर कोई असर नहीं हुआ।

वह बताती है कि वह केवल कुछ समय के लिए घूमने और खाना खाने निकली थी, इसलिए वह अपनी माँ के पास वापस जाना चाहती है। फिर एक संध्या होने वाली है, इसलिए उसे अंधेरे में अपनी माँ के पास लौटना मुश्किल होगा। चिड़िया वास्तव में माधवदास की बातें सुनकर डर गई। अपनी मां सबसे अच्छी लगती है। उसके पास उसकी माँ का घोंसला है। उसने माधवदास को बताया कि वह अब यहाँ नहीं रुक सकती, जा रही है। उसका इंतजार उसकी माँ कर रही होगी। वह नहीं जानती।

वह सिर्फ अपनी माँ, भाई, बहन, सूरज और जल को जानती है। माधवदास हर तरह से उसे रोकना चाहता था। वह उसके लिए सब कुछ देने को तैयार था। चिड़िया ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे कुछ नहीं चाहिए। उसे अपने घर जाना चाहिए। फिर माधवदास ने उसे महल, भोजन, सोने के पिंजरे और बर्तन में रहने का लालच दिया। लेकिन कल उसने कहा कि वह उन सब बातों को नहीं जानती और समझती है। माधवदास ने कहा कि जब वह किसी से बात करता है, तो उसका भाग्य खुल जाता है।

फिर चिड़िया ने कहा कि वह इन बातों को नहीं समझती। वह इस मामले में मूर्ख है। घर जाने में बहुत देर हो गई है। जब सेठ ने चिड़िया को बातों में उलझाकर एक बटन दबाया, तो उसका एक नौकर तुरंत वहाँ आ गया। सेठ ने अपने कर्मचारी को चिड़िया को पकड़ने के लिए कहा। ताकि उसका ध्यान नौकर की ओर न जा सके, सेठ ने उससे उसके परिवार के बारे में पूछा। चिड़िया चुपचाप उठी। बस उसे अपने घर पहुंचने की जरूरत थी।

किंतु सेठ के मन में पाप था, इसलिए वह उसे अपने विचारों में उलझा देता था। रखना चाहता था, ताकि कर्मचारी उसे पकड़ सके। चिड़िया को अचानक कठोर हाथों का स्पर्श लगा और वह उड़ गई। वह तेजी से उड़कर माँ के पास पहुंची। वह माँ की गोद में दुक्ककर रोने लगी। उसके रोने का कारण माँ ने पूछा तो वह कुछ नहीं बोली। वह माँ की छाती से इतना चिपक जाती है कि लगता है कि कभी नहीं छूटेगी।

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चिड़िया की बच्ची प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1. किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा वा और किन बातों से जात होता है कि वह सुखी नहीं था ?

उत्तर – कहानी कहती है कि माधवदास एक बड़ा सेठ था। वह जिस पर भी हाथ रखता था, उसका भाग्य चमकता था। उसकी कई बड़ी-बड़ी कोठियाँ नगर में थीं। उसके पास बाग-बगीचे, नौकर-चाकर और दास-दास थे। उसे चिड़िया के लिए सोने की कटोरी और पिंजरा खरीदने का मौका मिल सकता है। उसके पास खुशी का हर सामान है। यह सब बताता है कि माधवदास का जीवन बहुत खुशहाल था। वह कुछ भी होते हुए खुश नहीं है। संगमरमर की कोठी खाली है। उसके बगीचे और महल सुनसान हैं। उसकी कोठी में कोई नहीं चहचहाता। यह छोटी चिड़िया खुश है कि वह आकर अपनी कोठी में रहे। वह चिड़िया से सब सुख देने को कहता है, लेकिन वह नहीं मानती। इससे पता चलता है कि वह खुश नहीं है।

प्रश्न 2. माघवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास निःस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – माधवदास बार-बार चिड़िया को यह बात कहता था क्योंकि उसे चिड़िया बहुत अच्छी लगती थी और उसके बगीचे में आने से चहल-पहल बढ़ गई थी। सेठ माधवदास ने बार-बार कहा कि यह बगीचा तुम्हारा है, क्योंकि वह उसे देखकर खुश हो गया था। वह सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए चिड़िया को अलग-अलग लालच देता है।

प्रश्न 3. माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ माघवदास की नजर में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – माधवदास ने चिड़िया को बार-बार बताया कि वह उसे भोजन और सोने का पिंजरा देगा। माधवदास की ये सब बातें लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकती थीं, लेकिन एक चिड़िया, जो सदा स्वतंत्र रहना चाहती थी, इसका कोई मतलब नहीं था। वह सिर्फ अपनी माँ और बॉसला से प्यार करता था। दूसरी ओर, सेठ ने चिड़िया की भावनाओं को नहीं समझा और उसे जिद समझा। माधवदास की दृष्टि में धन-दौलत सब कुछ है। वह पैसे से सब कुछ खरीदना चाहता है, जबकि चिड़िया अपने आप रहना पसंद करती है। माधव की संपत्ति उसे कोई मतलब नहीं था। उसके लिए सब कुछ है: धूप, हवा, पानी, फूल, थोड़ा-सा चुग्गा। अपना चुग्गा सेठ के मोती से बेहतर है।

प्रश्न 4. कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नोकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर – कथा के अंत में, सेठ ने चिड़िया को नहीं माना और उसे पकड़ने के लिए अपने नौकर को बुलाया। हालाँकि, चिड़िया नौकर के पंजे से भाग निकली। वास्तव में, सेठ के चिड़िया को धोखा दिया गया था। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। स्वतंत्रता हर जीव को अच्छी लगती है। सेठ का लालच चिड़िया की स्वतंत्रता को नहीं खरीद सका। चिड़िया के लिए सब कुछ उसकी माँ और उसका घोंसला है। सेठ ने चिड़िया को लालच दिया, लेकिन चिड़िया ने अच्छा किया। इसी तरह, चिड़िया का नौकर के पंजे से छूटकर अचानक उड़ जाना भी बहुत बुद्धिमान होता है।

प्रश्न 5. ‘मां मेरी बाट देखती होगी’ नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है ?

उत्तर – चिड़िया अपनी मां से बहुत प्यार करती है। इसलिए वह इस वाक्य को बार-बार दोहराती है। हम अपने अनुभव से कह सकते हैं कि मों हर जीव के जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही कारण है कि सेठ ने चिड़िया को बहुत प्रलोभन या लालच दिया, लेकिन चिड़िया अपनी मां के प्रति उतना ही प्यार नहीं खो सका। उसकी माँ भी चिंतित थी, जो घोंसले पर बैठी हुई उसकी ओर देख रही होगी। हर माँ अपने बच्चे की प्रतीक्षा करती रहती है। वह बेचैन रहती है जब तक उसका बच्चा घर लीट नहीं आता। चिड़िया की बच्ची जैसे ही अपनी माँ के पास पहुंची, उसकी गोद में चिपककर सो गई। ठीक इसी प्रकार हर बच्चा अपनी माँ के पास सुरक्षित महसूस करता है। इसलिए माँ का महत्व स्पष्ट है।

प्रश्न 6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों ?

उत्तर – यदि आप चाहें तो कहानी को “चिड़िया की बच्ची” शीर्षक से अलग भी शीर्षक दे सकते हैं, जैसे “मानव और चिड़िया”। क्योंकि कहानी में दो विचार निरंतर चलते हैं: चिड़िया को सेठ माधवदास का प्रलोभन देना और चिड़िया द्वारा प्रलोभन को अस्वीकार करके स्वतंत्र जीवन जीने की इच्छा। सेठ को अपनी संपत्ति का इतना घमंड है कि वह उसके धन से सब कुछ खरीद सकता है। उसके पास बहुत सारी संपत्ति है। वह चिड़िया को बढ़िया भोजन और अन्य सुविधाएं देने के लिए उसे सोने का पिंजरा बनाकर देता है। दूसरी ओर, चिड़िया कहती है कि मुझे आपकी दुनिया की ये बातें समझ नहीं आती। मैं अपनी माँ से मिलना चाहता हूँ। वह मुझे चिंतित होगी। चिड़िया और मनुष्य की बातचीत इस तरह पूरी कहानी में चलती है। इसलिए कहानी का शीर्षक “मानव और चिड़िया” हो सकता है।

Chidiya Ki Bacchi Question Answer

प्रश्न 1. ‘चिड़िया की बच्ची’ कहानी का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?

उत्तर – इस कहानी में लेखक ने मानव के लालची स्वभाव और स्वतंत्रता का महत्व बताया है। सेठ माधवदास बहुत अमीर है। उसकी संपत्ति के बल पर, वह चिड़िया को बार-बार प्रलोभन देता है कि वह उसकी कोठी में रहे और उसका मन बहलाव करे। यह चिड़िया अपने सूने जीवन में खुशी ला सकती है। चिड़िया को घर से बाहर रहना अच्छा लगता है, लेकिन चिड़िया को स्वतंत्रता चाहिए। उसे सिर्फ चार चीजें चाहिए: धूप, जल, खुली हवा और चुग्गा। वह भी अपनी माँ से प्यार करती है। वह सेठ की बातों में न फँसकर तुरंत उड़कर अपनी माँ के पास जाती है। उसे वहीं ऐसी खुशी मिलती है जो सेठ के धन-दौलत और ठाट-बाट से नहीं मिल सकती थी। जैसे हर जीव अपनी स्वतंत्रता चाहता है, यही कहानी का मुख्य लक्ष्य है।

प्रश्न 2. लेखक ने माधवदास को कला-प्रेमी क्यों कहा है ?

उत्तर – कहानी कहती है कि माधवदास ने काफी पैसा खर्च करके संगमरमर की एक कोठी बनाई थी। उसने कोठी के सामने भी एक सुंदर बगीचा बनाया था, जिसमें स्कावियों से हीज़ों में जल के फव्वारे लगाए गए थे। बगीचे में विविध फूल भी लगाए गए थे। माघवदास को फयारों से उछलता पानी और खिले हुए फूल बहुत सुंदर लगे। वह वहीं घंटों बैठकर प्रकृति को देखता रहता था। इससे पता चलता है कि सेठ माधवदास कला को बहुत पसंद करता था।

प्रश्न 3. चिड़िया को सेठ के ठाट-बाट अथवा मों का घोंसला में से कौन-सी वस्तु पसंद थी और क्यों ?

उत्तर – सेठ माधवदास ने चिड़िया को अपने बगीचे की गुलाब की टहनी पर कुछ समय आराम करने के लिए बैठा देखा और उसके फुदकने और सुंदरता को देखा। उसने चिड़िया को अपनी कोठी में रहने के लिए कई बार प्रोत्साहित किया। दूसरी ने उसे बढ़िया भोजन देने का लालच दिखाया, साथ ही सोने का पिंजरा और सोने की कटोरी और उसकी माँ का एक छोटा-सा घोसला या थोड़ा चुग्गा लाती थी। चिड़िया को सेठ के प्रलोभनों में स्वार्थ था। इसलिए यह स्वतंत्र रहना पसंद करती थी। उसके पास दोनों स्वतंत्रता और माँ का प्यार था। यही कारण था कि चिड़िया ने सेठ की आज्ञा मानकर अपनी मां के घोंसले को अपनाया।

प्रश्न 4. सेठ के चरित्र पर सार रूप में प्रकाश डालिए।

उत्तर – सेठ माधवदास बहुत अमीर थे। उनकी कई बड़ी-बड़ी कोठियाँ नगर में थीं। सेठ जी धनवान और कलाप्रेमी थे। संगमरमर से उनकी नई कोठी बनाई गई थी। उन्होंने उसके सामने एक सुंदर बगीचा बनाया था। उसमें सुंदर-सुंदर फव्वारे और फूल भी लगाए गए थे। सेठ प्रकृति प्रेमी थे। इसलिए सेठ जी प्रकृति को काफी देर तक देखते रहते थे, लेकिन वे स्वार्थी भी थे। वह खुद को खुश करने के लिए चिड़िया से स्वतंत्रता छीनना चाहता था।

प्रश्न 5. चिड़िया सेठ के लालच में क्यों नहीं फंसी थी ?

उत्तर – चिड़िया एक स्वतंत्र पक्षी है। उसे अपनी स्वतंत्रता सबसे बड़ी खुशी लगती है, बाकी सब सुखों से। वह अपनी माँ से भी बहुत प्यार करता है, जो हर बार उसके बाहर जाने पर चिंतित रहती है। उस मोली-भाली चिड़िया को दुनिया की संपत्ति की कोई इच्छा नहीं थी, इसलिए वह सेठ के हर तरह के तालय को ठुकरा देती है।

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