गजानन माधव मुक्तिबोध कविताएँ / Gajanan Madhav Muktibodh Kavitayen

अंधेरे में / गजानन माधव मुक्तिबोध
एक अंतर्कथा / गजानन माधव मुक्तिबोध
कहने दो उन्हें जो यह कहते हैं / गजानन माधव मुक्तिबोध
घोर धनुर्धर, बाण तुम्हारा सब प्राणों को पार करेगा / गजानन माधव मुक्तिबोध
चाहिए मुझे मेरा असंग बबूल पन / गजानन माधव मुक्तिबोध
जब दुपहरी ज़िन्दगी पर… / गजानन माधव मुक्तिबोध
दिमाग़ी गुहान्धकार का ओरांग उटांग / गजानन माधव मुक्तिबोध
नाश देवता / गजानन माधव मुक्तिबोध
वे बातें लौट न आएँगी / गजानन माधव मुक्तिबोध
पता नहीं… / गजानन माधव मुक्तिबोध
पूंजीवादी समाज के प्रति / गजानन माधव मुक्तिबोध
ब्रह्मराक्षस / गजानन माधव मुक्तिबोध
बहुत दिनों से / गजानन माधव मुक्तिबोध
बेचैन चील / गजानन माधव मुक्तिबोध
भूल-ग़लती / गजानन माधव मुक्तिबोध
मुझे कदम-कदम पर / गजानन माधव मुक्तिबोध
मुझे पुकारती हुई पुकार / गजानन माधव मुक्तिबोध
मेरा असंग बबूलपन / गजानन माधव मुक्तिबोध
मेरे जीवन की / गजानन माधव मुक्तिबोध
मैं उनका ही होता / गजानन माधव मुक्तिबोध
मैं तुम लोगों से दूर हूँ / गजानन माधव मुक्तिबोध
मृत्यु और कवि / गजानन माधव मुक्तिबोध
रात, चलते हैं अकेले ही सितारे / गजानन माधव मुक्तिबोध
लकड़ी का रावण / गजानन माधव मुक्तिबोध
विचार आते हैं / गजानन माधव मुक्तिबोध
सहर्ष स्वीकारा है / गजानन माधव मुक्तिबोध