भक्तिकाल की परिस्थितियाँ : राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक

भक्तिकाल की परिस्थितियाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्येतिहास में भक्तिकाल की समय सीमा वि.सं. 1375 से वि.सं. 1700 (1318 से 1643 ई.) निश्चित की है। तमाम विद्वान् इस काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण …

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आदिकाल के कवियों की महत्त्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ / Aadikal Ki Pramukh Panktiyan

आदिकाल के कवियों की महत्त्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ दोस्तों यदि आप UGC NET/JRF हिंदी विषय की तैयारी कर रहें है तो आपके लिए यह टॉपिक बहुत ही ख़ास होने वाला है। इसका कारण यह है कि …

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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा वर्णित आदिकाल के सन्दर्भ में प्रमुख कथन

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के प्रमुख कथन – आदिकाल के संदर्भ में हिंदी विषय के सभी छात्रों ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल का नाम तो अवश्य ही सुना होगा। इनके द्वारा लिखा गया हिंदी इतिहास बहुत ही …

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गांधी युग का साहित्य 1920 से लेकर 1947 तक : यथार्थ और की अभिव्यक्ति

गांधी युग का साहित्य / Gandhi Yug Ka Sahitya : सन 1920 से लेकर सन 1947 तक के साहित्यिक काल-खंड को हमने गांधी-युग कहा है। इस युग में हमारे स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व जिन नेताओं …

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काव्य हेतु का अर्थ / स्वरूप एवं संस्कृत आचार्यों के अनुसार काव्य हेतु

नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम हिंदी काव्य शास्त्र के एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय काव्य हेतु के बारे में पढ़ने जा रहें है। Kavya Hetu के संदर्भ में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने …

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सत्तारूढ़ राजाओं और धार्मिक पाखंडता के खिलाफ कबीरदास के दोहे

नमस्कार दोस्तों ! आज के इस लेख में हम भक्तिकाल के आधार स्तंभ माने जाने वाले कवि कबीरदास के उन दोहों को आपके साथ साँझा करने जा रहें है जो तत्कालीन सत्तारूढ़ राजाओं और धार्मिक …

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मीराबाई के जीवन और साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण [30 प्रश्न-उत्तर]

आज के इस पोस्ट में हमने हिंदी साहित्य की एक बहुत बड़ी कवयित्री मीराबाई के जीवन और साहित्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब आपके साथ साँझा किये है। ये प्रश्न आपकी प्रतियोगी परीक्षा के …

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मीराबाई की काव्य कला का संक्षेप में वर्णन कीजिए | Mirabai Ki Kavya Kala PDF

मीराबाई की काव्य कला मीराबाई कृष्ण भक्त कवयित्री है जिनका भाव पक्ष अत्यंत सरल है। उसमें प्रेम और भक्त हृदय मुखरित हो पाया है। कला पक्ष को उसमें ढूंढ़ना और उसे महत्त्व देना इतना आवश्यक …

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मीराबाई की प्रेम साधना पर प्रकाश डालिए | Mirabai Ki Prem Sadhna PDF

मीराबाई की प्रेम साधना  मीराबाई प्रेम-दीवानी थी और उनका सारा काव्य प्रेम के उद्गारों से परिपूर्ण हैं। इसलिए कई आलोचक मान लेते हैं कि ‘मीरा में दर्शन और विचारों की खोज व्यर्थ है वह प्रेम …

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काव्य लक्षण | Kavya Lakshan | काव्य शास्त्र/काव्य लक्षण PDF

काव्य लक्षण: काव्य वाङ्‌मय का प्राण है। इसलिए काव्य की उत्पत्ति के समय से ही उसके लक्षणों पर विचार होने लगा। काव्य क्या है ? इस मूलभूत प्रश्न की व्याख्या संस्कृत, हिंदी और पाश्चात्य विद्वानों …

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