मैं एक कविता लिखूंगा, पर उसमें तुम्हारा नाम नहीं लिखूंगा -संदीप पूनियां

कविता शीर्षक : मैं एक कविता लिखूंगा मैं एक कविता लिखूंगा, पर उसमें तुम्हारा नाम नहीं लिखूंगा ।। तुम्हारे मीठे झूठ के साथ, मैं अपने बुरे कारनामें भी ज़रूर लिखूंगा, महज़ तुम्हारे नहीं मैं अपने …

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भगत सिंह ने पहली बार : अवतार सिंह संधू पाश

अवतार सिंह संधू पाश अपनी इस कविता के माध्यम से लोगों को बताना चाहते है कि हमें भगत सिंह के उस मुड़े हुए पन्ने से आगे बढ़ना होगा जिसे भगत सिंह ने सहादत के वक्त …

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सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना : अवतार सिंह संधू पाश

इस कविता के माध्यम से अवतार सिंह संधू पाश इंगित करते है कि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी आदि ख़तरनाक तो होते है किन्तु सबसे ख़तरनाक तो व्यक्ति के …

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‘क़ैद करोगे अंधकार में’ कविता : अवतार सिंह संधू पाश

पंजाबी कवि और शायर अवतार सिंह संधू जिन्हें पाश के नाम से जाना जाता है, उन कुछेक कवियों में शुमार है जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपनी क्रांतिकारी लेखनी से सत्ता को झकझोर देने …

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राम की शक्तिपूजा PDF : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला / Ram Ki Shakti Puja

नमस्कार प्यारे दोस्तों ! आज के इस ब्लॉग में हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता ‘राम की शक्तिपूजा’ के बारे में बात करने जा रहें है। यह कविता निराला के जीवन …

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औरतें यहाँ नहीं दिखतीं | वे आटे में पिस गई होंगी – देवीप्रसाद मिश्र

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देवीप्रसाद मिश्र की शानदार कविता – औरतें यहाँ नहीं दिखतीं  औरतें यहाँ नहीं दिखतीं वे आटे में पिस गई होंगी या चटनी में पुदीने की तरह महक रही होंगी वे तेल …

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भागु होआ गुरि संतु मिलाइिआ / अर्जुन देव

भागु होआ गुरि संतु मिलाइिआ।। प्रभु अबिनासी घर महि पाइिआ।। सेवा करी पलु चसा न विछुड़ा जन नानक दास तुमारे जीउ।।1।। हउ घोली जीउ घोलि घुमाई जन नानक दास तुमारे जीउ।।2।। अर्जुन देव अन्य कविताएँ

एक घड़ी न मिलते ता कलियुगु होता / अर्जुन देव

एक घड़ी न मिलते ता कलियुगु होता।। हुणे कदि मिलीए प्रीअ तुधु भगवंता।। मोहि रैणि न विहावै नीद न आवै बिनु देखे गुर दरबारे जीउ।।1।। हउ घोली जीउ घोलि घुमाई तिसु सचे गुर दरबारे जीउ …

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मेरा मनु लोचै गुर दरसन ताई / अर्जुन देव

मेरा मनु लोचै गुर दरसन ताई।। बिलाप करे चात्रिक की निआई।। त्रिखा न उतरै संति न आवै बिनु दरसन संत पिआरे जीउ।।1।। हउ घोली जीउ घोली घुमाई गुर दरसन संत पिआरे जीउ।।2।। अर्जुन देव अन्य …

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तू मेरा सखा तू ही मेरा मीतु / अर्जुन देव

तू मेरा सखा तू ही मेरा मीतु, तू मेरा प्रीतम तुम सँगि हीतु॥ तू मेरा पति तू है मेरा गहणा, तुझ बिनु निमखु न जाइ रहणा॥ तू मेरे लालन, तू मेरे प्रान, तू मेरे साहिब, …

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