ब्रह्मराक्षस / गजानन माधव मुक्तिबोध
शहर के उस ओर खंडहर की तरफ़ परित्यक्त सूनी बावड़ी के भीतरी ठण्डे अंधेरे में बसी गहराइयाँ जल की… सीढ़ियाँ …
शहर के उस ओर खंडहर की तरफ़ परित्यक्त सूनी बावड़ी के भीतरी ठण्डे अंधेरे में बसी गहराइयाँ जल की… सीढ़ियाँ …
मुझे कदम-कदम पर चौराहे मिलते हैं बांहें फैलाए! एक पैर रखता हूँ कि सौ राहें फूटतीं, मैं उन सब पर …
नमस्कार प्यारे दोस्तों ! आज के इस ब्लॉग में हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता ‘राम …
Read moreराम की शक्तिपूजा PDF : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला / Ram Ki Shakti Puja
(एक) ज़िंदगी के… कमरों में अँधेरे लगाता है चक्कर कोई एक लगातार; आवाज़ पैरों की देती है सुनाई बार-बार… बार-बार, …
अवतार सिंह संधू पाश अपनी इस कविता के माध्यम से लोगों को बताना चाहते है कि हमें भगत सिंह के …
पंजाबी कवि और शायर अवतार सिंह संधू जिन्हें पाश के नाम से जाना जाता है, उन कुछेक कवियों में शुमार …
Read more‘क़ैद करोगे अंधकार में’ कविता : अवतार सिंह संधू पाश
इस कविता के माध्यम से अवतार सिंह संधू पाश इंगित करते है कि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, ग़द्दारी …
Read moreसबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना : अवतार सिंह संधू पाश
कविता शीर्षक : मैं एक कविता लिखूंगा मैं एक कविता लिखूंगा, पर उसमें तुम्हारा नाम नहीं लिखूंगा ।। तुम्हारे मीठे …
Read moreमैं एक कविता लिखूंगा, पर उसमें तुम्हारा नाम नहीं लिखूंगा
लकड़ी का रावण दीखता त्रिकोण इस पर्वत-शिखर से अनाम, अरूप और अनाकार असीम एक कुहरा, भस्मीला अन्धकार फैला है कटे-पिटे …