मानवता की कब्र / Manvata Ki Kabar / अनंत भटनागर February 18, 2023February 17, 2023 by Admin आज मानवता की कब्र पर नैतिकता का मुर्दा जलेगा ! मित्र ! तुम भी आना, चार कविता सुनाना चालीस तालियाँ ले जाना। अनंत भटनागर अन्य कविताएँ Related posts: कविता की मौत / Kavita Ki Maut / अनंत भटनागर नई कविता की तलाश / Nai Kavita Ki Talash / अनंत भटनागर कविता / Kavita : अनंत भटनागर चाँदनी का रक़्स दरिया पर नहीं देखा गया / अब्दुल्लाह जावेद