मिठाईवाला कहानी का सार व प्रश्न उत्तर | Class 7th Hindi Chapter 5

Mithaiwala Summary

मिठाईवाला कहानी का सार

श्री भगवतीप्रसाद वाजपेयी ने मिठाईवाला नामक रोचक कहानी लिखी है। लेखक ने इस कहानी में बच्चों के प्रति स्नेह दिखाया है। मिठाईवाला अपनी पत्नी और दो बच्चों के इस दुनिया से चले जाने के बाद समाज के बच्चों में उन्हें खोजने की कोशिश करता था। वह नगर का पहला खिलौना है। वह बच्चों को अपनी मधुर ध्वनि में ‘बच्चों को बहलाने वाला, खिलौने वाला’ गाता था। उसकी आवाज़ से हर कोई आकर्षित हो गया—बच्चे, बूढ़े, जवान और स्त्री-पुरुष।

उसकी आवाज़ सुनते ही बच्चे खेलना छोड़कर उसे घेर लेते थे और कहते थे, “मुझे यह खिलौना दे दो या दूसरा दे दो।” वह बच्चों के हाथों से पैसे लेकर उन्हें खूबसूरत खिलौने देकर चला जाता। उससे खिलौने लेकर बच्चे भी हँसते-खेलते अपने घर जाते थे। एक दिन, राय विजयबहादुर के बच्चे चुन्नू-मुन्नू भी खिलौने लेकर घर आए। उनकी माँ रोहिणी इतने खूबसूरत खिलौनों को देखकर सोचने लगी कि इतने कम मूल्य पर उन्हें कैसे दिया गया था। खिलौनेवाला इसके बाद कई महीनों तक नहीं आया।

छह महीने गुजर गए। फिर एक दिन मुरली बजाने वाले के नगर में आने की खबर फैल गई। वह बहुत कम मूल्य की मुरली बेचता था। वह बच्चों को खुश करने के लिए मुरली बजाकर गाता था। जब रोहिणी ने इस मुरलीवाले की मधुर ध्वनि सुनी, तो उसे लगा कि यह खिलौनेवाला है। रोहिणी ने अपने पति से बुलवाकर मुरली खरीद ली।

तब बच्चों का एक समूह उसे घेर लेता है और हर एक अपनी मुरली मांगता है। वह गाता हुआ आगे बढ़ता है और बच्चों को उनके पसंदीदा मुरलियाँ देता है। उसने बच्चे को मुफ्त में एक मुरली दी क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे। रोहिणी ने सोचा कि आज तक बच्चों से इतना प्यार से बात करने वाला कोई नहीं आया था। उस दिन के बाद मुरलीवाला आठ महीने तक वहाँ नहीं आया।

आठ महीने बाद, उसी शहर की गलियों में फिर उसी मधुर स्वर में ‘बच्चों को बहलाने वाला, मिठाईवाला’ गीत बजने लगा। उसका स्वर रोहिणी को सुनाई दिया। वह छत से नीचे आ गई जैसे ही वह उसे सुनती थी। दादी माँ ने बच्चों के लिए मिठाई लेने के लिए मिठाईवाले को बुलाया। वह सोलह रुपये की रंग-बिरंगी, कुछ खट्टी, कुछ मीठी और कुछ मिठाई बेचता था। उन्होंने दादी माँ को चार पैसे की मिठाई दी। रोहिणी ने उससे पूछा कि क्या वह पहले कभी यहाँ आया था।

उसने बताया कि वह यहाँ खिलौने और मुरली बेचता था। रोहिणी ने फिर पूछा कि वह इतनी सस्ती चीजें क्यों बेचता है? मिठाईवाला उसे बताता है कि वह भी नगर का एक अमीर था। अब उसका कोई नहीं है, सिवाय उसकी सुंदर पत्नी और दो सुंदर बच्चों के। वह अपने अतीत की यादों से भरने लगा। वह सिर्फ इन बच्चों में अपने बच्चों को देखने के लिए यह सामान बेचता फिरता है। इससे वह खुश हो जाता है। अन्यथा उसके पास धन नहीं है। रोहिणी के बच्चे आ गए और मिठाई माँगने लगे। चुन्नू-मुन्नू को मिठाई देकर वह चला गया। उसने फिर से मधुर स्वर में वही गीत गाया, जो पूरे गाँव में गूंजने लगा था।

Mithaiwala Question Answer

प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था ?

उत्तर – मिठाईवाला बच्चों को अलग-अलग तरह से आकर्षित करने के लिए विभिन्न चीजें बेचता था। वह बच्चों से वास्तव में बहुत प्रेम करता था ताकि दूसरों के बच्चों को देखकर अपना दुःख कम कर सके। मिठाईवाला खिलौने नहीं बेचता था, न ही खिलौने बेचकर पैसा कमाना चाहता था। वह धनवान था। वह सिर्फ उन बच्चों में अपने बच्चों को देखने आया था। इसलिए, कई महीनों बाद वह उस नगर में आया।

प्रश्न 2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?

उत्तर – मिठाईवाले का सबसे बड़ा गुण उसकी मधुर ध्वनि थी। जब वह मधुर ध्वनि में गीत गाता या दूसरों से बातें करता था तो सभी उसकी ओर आकृष्ट हो जाते थे। उसका स्वभाव भी बहुत अच्छा था। ये गुण थे जिसके कारण बड़े और बच्चे सभी उसकी ओर आकृष्ट होते थे।

प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?

उत्तर – विजय बाबू ने सोचा कि मुरलीवाला अपनी मुरली बहुत महंगी कीमत पर बेच रहा है। वह अपने पक्ष में तर्क देते हुए कहते हैं कि “तुम लोगों की झूठ बोलने की आदत होती है। सभी को दो-दो पैसे देते होंगे, लेकिन एहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो।मुरलीवाला कहता है, “आपको क्या पता बाबू जी कि इनकी असली लागत क्या है! ग्राहक समझते हैं कि दुकानदार चाहे नुकसान उठाकर भी माल बेचे, लेकिन वे समझते हैं कि दुकानदार उनसे लूट रहा है। आप भला विश्वास क्यों करेंगे ?

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प्रश्न 4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?

उत्तर – बच्चों ने खिलौनेवाले पर स्वाभाविक रूप से प्रतिक्रिया दी। वे अलग-अलग खेल खेलते हुए इठलाते हुए खिलौने वाले को एक समूह बनाकर घेर लेते थे। खिलौने को देखकर बच्चे मचल उठते थे। वे तोतली भाषा में खिलीनों का मूल्य पूछते थे। वे भी अपनी पसंद के खिलाने में जिद्द करते थे। वे खिलौने लेकर खुश होकर घर जाते थे।

प्रश्न 5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया ?

उत्तर – रोहिणी कहानी का मुख्य पात्र है। वह खिलौनेवाले के मधुर स्वर को आसानी से पहचान सकती थी। लेकिन वह कुछ महीने से उनके नगर में नहीं आया था। अब खिलौनों की जगह मुरली बेचने लगा। वह भी गा-गाकर खिलौने बेचता था और बच्चों को बहलाता था। इसका स्वर भी उतना ही मधुर था। रोहिणी को खिलौनेवाले का याद आया।

प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

उत्तर – रोहिणी के घर में रहने वाली दादी की बात सुनकर रोहिणी भावुक हो गया। दादी की बात सुनकर उसे अपनी पत्नी और बच्चों का स्मरण हुआ। वह उन दिनों को याद करता था जब वह एक धनी व्यक्ति था और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक खुशहाल जीवन जीता था। उसने बताया कि वह इन उत्पादों को बेचकर इन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखना चाहता है। वह सिर्फ अपने बच्चों को इन बच्चों में देखता है।

प्रश्न 7. ‘अब इस बार ये पैसे न लूंगा’ कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?

उत्तर – वह बहुत भावुक हो गया जब दादी ने उसके इस काम को करने के बारे में पूछा, और उसकी आँखों में अपने बच्चों और पत्नी की यादें जाग उठीं। वह अपने प्यारे, सुंदर परिवार की दुनिया को याद करने लगा था। चुन्नू-मुन्नू उसे अपने बच्चों की तरह लगे। उसने कागज की पुड़िया में मिठाई दी। जब रोहिणी ने मिठाई के पैसे देने के लिए कहा, तो वह पैसे नहीं लेकर चला गया और जाते-जाते कहने लगा कि इस बार वह पैसे नहीं लेगा।

प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है ?

उत्तर – यह कहानी बहुत पुरानी है। उस समय समाज में पर्दा था, इसलिए रोहिणी चिक के पीछे से बोलती थी। हालाँकि, आज समय बदल गया है। अब महिलाएं लिखने-पड़ने लगी हैं। अब पर्दा प्रथा को अस्वीकार कर दिया गया है। इसलिए अब महिलाएं चिक के पीछे खड़ी होकर बोलती हैं। हमारे विचार में, किसी मजबूरी के कारण ऐसा करना उचित नहीं है, अगर ऐसा करती भी होंगी। हर महिला को पुरुषों की तरह स्वतंत्रता का अधिकार है। ऐसा करना पिछड़ेपन का संकेत है।

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. इस कहानी में मिठाईवाला कौन-कौन सी वस्तुएँ बेचता है। आपको उनमें से कौन-सी वस्तु पसंद है ?

उत्तर – इस कहानी में मिठाईवाला तीन वस्तुएं बेचता है
(1) खिलौने, (2) मुरली, (3) मिठाई। मुझे इन तीनों में मिठाई सबसे अधिक पसंद है।

प्रश्न 2. रोहिणी कौन थी ? उसके चरित्र की कोई एक विशेषता लिखिए।

उत्तर – रोहिणी इस कहानी की प्रमुख नारी पात्र है। वह राय विजयबहादुर की पत्नी एवं चुन्नू-मुन्नू की माँ है। वह दयावान नारी है। वह मिठाई वाले की आवाज़ को सहज ही पहचान लेती है। उसके मन में दूसरों के प्रति सहानुभूति है।

प्रश्न 3. खिलौनेवालों को देखकर बच्चे सदा खुश होते हैं, क्यों ?

उत्तर – खिलौने बच्चों की मनपसंद वस्तु है। बच्चों को रंग-बिरंगे खिलौनों से खेलना बहुत अच्छा लगता है। कहानी में भी खिलौनेवाले की आवाज़ सुनकर बच्चे अपना खेलना छोड़कर उसके पास आ जाते हैं। वास्तविक जीवन में भी बच्चे खिलौने बेचने वाले को देखकर मचल उठते हैं और खिलौने लेने के लिए कहते हैं। बच्चों को खिलौनों से खेलना बहुत अच्छा लगता है। इसलिए बच्चे खिलौने बेचने वालों को देखकर सदा खुश होते हैं।

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