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रामफल चहल का जीवन परिचय
रामफल चहल का जन्म भिवानी जनपद के नीमड़ी गाँव में सन् 1956 को हुआ था। इन्हें हरियाणा के लोकजीवन का सूक्ष्म ज्ञान है। ये उसके पहलु से भली-भांति परिचित हैं। रंगमंच में इनकी विशेष रुचि थी। इसी रुचि और लगाव के कारण इन्होंने हरियाणवी फिल्मों में नायक का अभिनय भी किया। इस समय वे आकाशवाणी कुरुक्षेत्र में कार्यरत हैं।
प्रमुख रचनाएँ
इन्होंने साहित्य की लगभग सभी विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। फिल्म, कविता, नाटक, फिल्म आदि से सम्बन्धित होने के कारण इनकी रचना का क्षेत्र व्यापक और विस्तृत है। इनके द्वारा रचित प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं- स्वतंत्रता सेनानी एवं कवि फौजी मेहर सिंह, बाजे भगतः व्यक्तित्व और कृतित्व, रामकिशन व्यासः व्यक्तित्व एवं कृतित्व, विघ्न की जड़, साझा सीर आदि।
साहित्यिक विशेषताएँ
हरियाणवी जन-जीवन से जुड़े होने के कारण इनका काव्य भी लोकजीवन से सम्बद्ध काव्य है। इनके द्वारा रचित काव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
यथार्थ का प्रतिपादन
इन्होंने अपने साहित्य में वही समाहित किया जिसे इन्होंने अपने चारों ओर देखा और भोगा। ‘साझा सीर’ नाटक के अन्तर्गत भी लेखक ने अपने यथार्थवादी दृष्टिकोण का ही प्रतिपादन किया है। जब बड़ा भाई परेशान होकर संन्यासी होने की बात करता है तो उसका छोटा भाई तुरन्त बुद्धि से यह अंदाजा लगा लेता है कि बड़े भाई के संन्यासी बन जाने पर मुझे ही इसके परिवार की जिम्मेदारी निभानी होगी तब वह अपनी स्वार्थपरता के कारण अपने बड़े भाई को संन्यासी बनने से रोकता है। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि रामफल चहल ने अपने काव्य समाज के यथार्थ का ही चित्रण प्रस्तुत किया है ।
आधुनिक युग बोध
रामफल चहल जी अपने तत्कालीन समाज से भली प्रकार से परिचित हैं। उन्हें इस बात का पूरा ज्ञान है कि आज का मानव केवल अपने तक ही सीमित होकर रह गया है। उसे अपने परिवारजनों के प्रति कोई सहानुभूति और प्रेम की भावना नहीं है। वह तो केवल निजी स्वार्थ की ही बात सोचता है। आज के समाज में रुपया ही सब कुछ है। आज का आधुनिक मानव पाश्चात्य चकाचौंध में इतनी बुरी तरह से फँस गया है कि वह अपने हित के लिए अपने ही भाई-बहन को हानि पहुँचाने में नहीं हिचकिचाता। तभी तो लेखक अपनी रचना के द्वारा मानव को संदेश देते हुए उसे परोपकारी बनने की प्रेरणा देता है
नैतिक मूल्यों का पुनर्जागरण
लेखक मानव को अपनी रचना के द्वारा कोई न कोई संदेश अवश्य देता है। यह मानव को अपने नैतिक मूल्यों का विकास करने को कहता है। अपने नाटक साझासीर के द्वारा भी लेखक ने इसी विचार को प्रकट किया है। जब मानसिंह को इस बात का पता चलता है कि उसका छोटा भाई पढ़ने के बजाय सिनेमा देखने में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहा है तो वह उसके दोस्त पर करारा व्यंग्य करते हुए कहता है कि तुम जैसे मित्र-मित्र न होकर दुश्मन हैं, जो अपने मित्रों को गलत राह पर चलने से नहीं रोकते, तुम केवल अपने तक ही सीमित हो। इस कथन के माध्यम से लेखक मानव को नैतिक का पुनर्जागरण करने की ही प्रेरणा देता हुआ नजर आता है। यदि मानव अपने मन में दूसरों के हित की ठान ले तो वह कई व्यक्तियों का भला करके उन्हें सन्मार्ग पर चला सकता है।
मनोविज्ञान का प्रतिपादन
रामफल चहल जी को मानव मनोविज्ञान का पूरा ज्ञान प्राप्त था। उन्होंने मानव की हृदयगत भावनाओं को अपने काव्य के द्वारा वाणी दी है। वे पात्र और घटना का बड़े ही स्वाभाविक ढंग से चित्रण करते हैं जो कि उनके मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण का परिचय देता हैं। जब मानसिंह अपने छोटे भाई के बदव्यवहार से तंग आ जाता है, तब वह संन्यासी बन हरिद्वार चले जाने को कहता है। उसकी बात सुन कर उसका छोटा भाई अपनी गलती मान जाता है। क्योंकि उसे भली-भांति इस बात का पता है कि बड़े भाई के हरिद्वार चले जाने के बाद उसके परिवार की जिम्मेदारी भी उसे ही उठानी होगी। इस जिम्मेदारी से बचने के लिए वह तत्कालीन परिस्थिति को अपने स्वार्थवश बदल देता है और अपने भाई से क्षमा याचना करता है।
भाषा-शैली
रामफल चहल जी ने अपनी भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आम लोगों की भाषा को ही अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। अपनी प्रत्येक रचना रामफल चहल जी ने अत्यन्त सहज, सरल और स्वाभाविक हरियाणवी भाषा का ही प्रयोग किया है। लेखक ने पात्रों और प्रसंगानुकूल ही हरियाणवी शब्दावली का प्रयोग किया है। इसी कारण उनकी भाषा पात्रानुकूल और प्रसंगानुकूल बन पड़ी है। संवादात्मक और वर्णनात्मक शैली के प्रयोग के कारण कथानक में नाटकीयता का समावेश होने के साथ-साथ अर्थ गाम्भीर्य भी बना रहता है। उनकी भाषा में तत्सम, तद्भव, विदेशी शब्दों का खुल कर प्रयोग हुआ है। उनकी भाषा सहज, सरल होने के साथ-साथ प्रवाहमयी भी है। निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि रामफल चहल द्वारा प्रयुक्त भाषा अत्यन्त सरल, सहज तथा स्वाभाविक है। हरियाणवी भाषा के सफल प्रयोग के कारण उसमें अर्थगाम्भीर्य और प्रवाहमयता भी समाविष्ट हो गई है।