तेरा मुखु सुहावा जीउ सहज धुनि बाणी / अर्जुन देव

तेरा मुखु सुहावा जीउ सहज धुनि बाणी।।
चिरु होआ देखे सारिंग पाणी।।
धंनु सु देसु जहा तूं वसिआ मेरे सजण मीत मुरारे जीउ।।
हउ घोली हउ घोल घुमाई गुरु सजण मीत मुरारे जीउ।।

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