बात सीधी थी पर कविता प्रश्न-उत्तर / Baat Sidhi Thi Question Answer

हैलो साथियों, उम्मीद है आप सभी अच्छे होंगे और आपकी पढ़ाई भी बहुत अच्छी चल रही होगी। आपकी इसी पढ़ाई को और अच्छा बनाने के लिए आज हम 12th कक्षा की कविता बात सीधी थी पर कविता के प्रश्न-उत्तर आपके लिए लेकर आएं है। इस पोस्ट में आप सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर पढ़ सकते है। परीक्षा के लिए ये प्रश्न-उत्तर आपकी काफी मदद करेंगे।

बात सीधी थी पर कविता प्रश्न-उत्तर

बात सीधी थी पर प्रश्न उत्तर

प्रश्न1. भाषा को सहूलियत से बरतने से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- इस कथन के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि जब भी हम कोई रचना करते हैं तो हमें उस समय अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए आडंबरपूर्ण एवं भारी-भरकम शब्दावली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हमें सरल, सहज, व्यवहारिक तथा सबकी समझ में आने वाली भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें कवि की भावनाओं को सहज तथा स्पष्ट रूप से समझा जा सके। 

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प्रश्न 2. बात और भाषा परस्पर जुड़े, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है कैसे ?

उत्तर- जब हम किसी को कोई बात कहना चाहते हैं तो उसके लिए हमें उचित शब्दों का चयन करना पड़ता है जिससे हमारी बात उस व्यक्ति तक स्पष्ट रूप से पहुंच जाए और वह हमारी बात कहने का मतलब भी समझ जाए नहीं तो कई बार सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है।  जैसे हमने किसी को मारना नहीं है और हम कहते हैं मारो, मत छोड़ो’ तो सुनने वाला उसे मार देगा।  हमें कहना चाहिए था मारो मत, छोड़ो।  इस प्रकार से सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है।

प्रश्न3. बात( कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं को उचित बिंबो/ मुहावरों से मिलान करें—

बिंब/मुहावरा विशेषता
(क) बात की चूड़ी मर जाना बात का प्रभावहीन हो जाना
(ख) बात की पेंच खोलना बात को सहज और स्पष्ट करना
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना बात का पकड़ में  ना आना
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना बात में कसावट का न होना
(ड़) बात का बन जाना  कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य  बनना

निष्कर्ष

दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको ‘बात सीधी थी पर’ कविता बहुत पसंद आयी होगी। यदि आपको इस कविता से संबंधित किसी प्रकार की और अन्य जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। इस कविता की पीडीऍफ़ (PDF) पाने के लिए भी जरूर हमें सूचित करें। हिंदीशाला टीम आपकी सहायता के लिए सदैव तैयार है। 

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