बादल राग प्रश्न-उत्तर 12th NCERT Badal Raag Question/Answer

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इस आर्टिकल के अंदर आप बादल राग प्रश्न-उत्तर को पढ़ सकते हैं। यह कविता बाहरवीं कक्षा में लगी हुई है। परीक्षा में हर बार इस कविता से प्रश्न-उत्तर पूछें जाते है। इसलिए आपको नीचे दिए गए प्रश्नों को पढ़ लेना चाहिए ताकि आप परीक्षा में अच्छे नंबर लेकर आ सकें। आप बादल राग कविता की व्याख्या को भी पढ़ सकते हैं।

बादल राग प्रश्न-उत्तर

बादल राग प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1. ‘अस्थिर सुख पर दु:ख की छाया’पंक्ति में दु:ख की छाया किसे कहा गया है और क्यों ?

उत्तर– प्रस्तुत पंक्ति में ‘दु:ख की छाया’ मानव जीवन में आने वाले दु:खों, कष्टों, मुसीबतों एवं प्रतिकूल परिस्थितियों को कहा गया है। यह इसलिए कहा गया है क्योंकि सुख-दु:ख मानव जीवन के दो पक्ष हैं जो एक के बाद दूसरा आता रहता है।  ये दोनों अस्थिर है जो आते जाते रहते हैं। 

प्रश्न 2. अशनि पात से शापित उन्नत शत-शत  वीर पंक्ति में किस की ओर संकेत किया गया है ?

उत्तर–  ‘अशनि पात’से शापित उन्नत शत-शत वीर पंक्ति में पूंजीपति या शोषक और धनी वर्ग के लोगों की ओर संकेत किया गया है। यह धनी वर्ग के लोग क्रांति के दूत बादल की विद्रोहपूर्ण  बिजली गिरने से उन्नति के शिखर से पृथ्वी तल पर गिर जाते हैं।

प्रश्न 3. ‘विप्लव-रव’से छोटे ही शोभा पाते’ पंक्ति में विप्लव-रव से क्या तात्पर्य है? छोटे ही शोभा पाते ऐसा क्यों कहा गया है ?

उत्तर– प्रस्तुत पंक्ति में ‘विप्लव रव’ से तात्पर्य क्रांति के विद्रोह पूर्ण शब्दों या गर्जना से है। वह ऐसे लोगों की गर्जना या स्वर है जो सदियों से पूंजीपति वर्ग के शोषण का शिकार होकर दयनीय जीवन जी रहे हैं।

‘छोटे ही शोभा पाते हैं’— ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि क्रांति का विनाशकारी प्रभाव सदा उच्च या शोषक वर्ग के लोगों पर ही होता है। इस विद्रोह का निम्न या छोटे वर्ग के जनसामान्य पर कोई विनाशकारी प्रभाव नहीं होता। उच्च वर्ग तो क्रांति के शब्दों से भयभीत होता है जो लेकिन छोटे वर्ग अर्थात जनसामान्य वर्ग के लोग प्रसन्न हो उठते हैं तथा जीवन में शोषण की मार से निकलकर समृद्धि प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 4. बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को कविता रेखांकित करती है ?

 उत्तर– ‘बादल राग’ निराला द्वारा रचित एक प्रतीकात्मक कविता है जिसमें कवि ने बादलों का क्रांति के रूप में आह्वान किया है। इस कविता में बादलों के आगमन से पृथ्वी के गर्भ मैं सोए हुए अंकुर अंकुरित होते उठते हैं। वे अपने मन में नवजीवन का संचार कर अनेक आशाओं के साथ बादल की ओर देख रहे हैं। बादलों की घनघोर गर्जना से संपूर्ण संसार भयभीत हो उठता है।उन्नति के शिखर पर पहुंचे सैकड़ों वीर पृथ्वी पर सो जाते हैं। विशालकाय उच्च वर्ग के लोग घायल होकर मर जाते हैं। लेकिन शोषित वर्ग के प्रतीक छोटे भार वाले छोटे-छोटे पौधे हंसते मुस्कुराते रहते हैं। वे अपार हरियाली से भरकर,हिल-हिलकर तथा खिलखिलाते हुए हाथ हिलाते रहते हैं।

प्रश्न 5. ‘बादल राग’कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर– निराला ने बादलों को क्रांति का प्रतीक माना है।उन्होंने माना है कि समाज में निम्न वर्ग या सर्वहारा वर्ग सदियों से धनी वर्ग के शिक्षकों के शोषण का शिकार होता आ रहा है। ये धनी वर्ग के लोग सदा से निम्न वर्ग के धन को हड़प- हड़प कर अपने खजाने भर रहे हैं। बार-बार शोषण करने तथा खजाने भरने पर भी इनको संतोष नहीं है। इन्होंने किसानों के जीवन सार रूपी रक्त को पूर्णत:चूस लिया है।इनके शोषण के कारण अब किसानों का शरीर हाड़ मात्र शेष रह गया है।

समाज में निम्न वर्ग दीन-हीन अवस्था में करुणापूर्ण जीवनयापन कर रहा है लेकिन पूंजीपति इनके धन पर ऐशो-आराम का जीवन भोग रहे हैं। कवि के मन में पूंजीपतियों के प्रति घृणा और गहन आक्रोश की भावना है तथा सर्वहारा वर्क के प्रति विशेष सहानुभूति है। कवि पृथ्वी से पूंजीपतियों का साम्राज्य मिटा देना चाहता है  ताकि जनसामान्य भी सुखद जीवन जी सके। निराला ने इस कार्य की पूर्ति हेतु बालों को क्रांति का प्रतीक माना है।इसलिए समाज से पूंजीपति वर्ग के शोषण को मिटाने के लिए ही कवि विप्लव के बादल का आह्वान करता है।

Badal Raag Question/Answer

प्रश्न 6. ‘ये तेरी रण तरी,भरी आंकाक्षाओं से’ का क्या आशय है ?

 उत्तर– इस पंक्ति के माध्यम से कवि क्रांति के दूत बादल को संबोधित करते हुए कहता है की जिस प्रकार युद्ध रूपी नौका युद्ध की सामग्री से भरी होती है उसी प्रकार से तुम्हारे अंदर जनसामान्य की अनेक कामनाएं भरी हुई है जिन्हें तुम मैं वर्षा के माध्यम से पूरा करना है।

प्रश्न 7. सुप्त किसकी ओर ताक रहे हैं ? वे किस लिए ऐसा कर रहे हैं ?

उत्तर– धरती मां की मिट्टी में सोए हुए अंकुर निरंतर बादलों की ओर ताक रहे हैं। उन्हें पूरी आशा है कि बादलों के बरसने से मिट्टी नम हो जाएगी; नरम हो जाएगी और उन्हें अंकुरित होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ मिलेंगी;वे पनपेंगे;बड़े होंगे और उन्हें भी अपना रूप-गुण दिखाने का अवसर प्राप्त होगा। प्रतीकात्मकता से निम्न और समाज के द्वारा तुच्छ समझे जाने वाले लोग सुख-समृद्धि प्राप्त कर तरक्की की राह पर आगे बढ़ेंगे। समाज में आने वाली क्रांति के कारण उन्हें भी अपना अस्तित्व प्रकट करने का अवसर प्राप्त होगा, वे  भी अपना उत्थान कर पाएँगे।

प्रश्न 8. निराला जी ने ‘क्षत-विक्षत हत अचल शरीर’के माध्यम से किनकी ओर संकेत किया है और क्यों ?

उत्तर– निराला जी ने ‘क्षत-विक्षत हत अचल शरीर’ के माध्यम से समाज के समृद्ध और उच्च वर्ग की ओर संकेत किया है क्योंकि यहाँ वर्ग शोषक बन शोषितों का शोषण करता है;उनके अधिकारों को छीन स्वयं संपन्न बनता है। जब भी क्रांति आती है; तब समृद्ध और उच्च वर्ग ही उसका शिकार बनता है। कवि उन्हें क्षत-विक्षत दिखाकर प्रकट करता है कि उनकी धन-दौलत, सुख-संपत्ति और शोषण से प्राप्त की गई सभी खुशियाँ क्रांति आने पर वापिस छीन ली जाएगी। जनक्रांति की गाज उन्हें पर गिरेगी।

प्रश्न 9. ‘हँसते हैं छोटे पौधे लघुभार’ के माध्यम से कवि ने किन की ओर संकेत किया है और क्यों ?

उत्तर–कवि ने ‘ छोटे पौधे’ के माध्यम से पिछड़े वर्ग और शोषितों  की ओर संकेत किया है जो संपन्न वर्ग के शोषण के कारण दीन-हीन दशा प्राप्त कर किसी प्रकार जीवन जी रहे हैं। वे क्रांति रूपी बादलों के आगमन पर प्रसन्न है की क्रांति के बाद शोषक वर्ग मिट जाएगा और उन्हें फूलने-पनपने का उचित अवसर प्राप्त होगा।

प्रश्न 10. ‘तुझे बुलाता कृषक अधीर’ के माध्यम से किसानों को अधीर क्यों माना गया है ?

उत्तर– किसान शोषित वर्ग का प्रतीक है जो पूँजी तियों के शोषण का सदा से ही शिकार बनता रहा है। वह क्रांति का पक्षधर है। जैसे वह फसलों के लिए बादलों का आह्वान करता है वैसे ही वह समाज ने जनक्रांति की भी कामना करता है जिससे उसकी दयनीय दशा में बदलाव आ सके। 

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