जवाहरलाल नेहरू जीवन परिचय
‘भारत माता’ नामक रचना के लेखक पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद के एक संपन्न परिवार में हुआ था। इनका जीवन काल सन 1889 से 1964 तक है। इनके पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के बड़े वकील थे। जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा पर पर तथा उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हैरो तथा कैंब्रिज में हुई। इन्होंने इंग्लैंड में ही वकालत की पढ़ाई भी की। पंडित नेहरू जी महात्मा गाँधी जी के जीवन से अत्यंत प्रभावित थे। उनके कथनानुसार वे पढ़ाई छोड़कर स्वतंत्रता की लड़ाई में जुट गए। सन् 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ तो नेहरू जी पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू जी को बच्चे ‘चाचा नेहरू’ कहते थे। उनका जन्म दिवस 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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प्रमुख रचनाएँ
पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
(i) लेखों और भाषणों का संग्रह- हिंदुस्तान की समस्याएँ’, ‘स्वाधीनता और उसके बाद’, ‘राष्ट्रपिता’, ‘लड़खड़ाती दुनिया’,”भारत की बुनियादी एकता’ आदि।
(ii) आत्मकथा-‘मेरी कहानी’।
(iii) हिंदी अनुवाद- पिता के पत्र पुत्री के नाम’, ‘हिंदुस्तान की कहानी’, ‘विश्व इतिहास की झलक’ । रचनाओं की विशेषताएँ–इनकी रचनाओं में मानव को शांति, अहिंसा, मानवता तथा विश्व एकता का पाठ पढ़ाया गया है।
भाषा-शैली
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की रचनाओं की शैली वर्णन प्रधान शैली है। वाक्य विन्यास में व्याकरण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। अनुवादित रचनाओं में अनुवादक ने अंग्रेजी की वाक्य रचना का ही प्रयोग किया है। इसलिए अनुवादित रचनाओं की भाषा-शैली में प्रवाहमयता नहीं है। ‘भारत माता” नामक पाठ हिंदुस्तान की कहानी का पांचवा अध्याय है। माषांतरकार, हरिभाऊ उपाध्याय ने इस रचना का अंग्रेजी से भाषांतर करते समय उर्दू भाषा के शब्दों का अधिक प्रयोग किया है; जैसे एक साँ, जुजु, महदूद, गिजा आदि ये शब्द एक आम हिंदुस्तानी को सहजता से समझ नहीं आते।