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खेलों का महत्व निबंध
जीवन में स्वास्थ्य का सबसे अधिक महत्त्व होता है। स्वस्थ मानव ही धरती पर विद्यमान सुखों को भोग सकता है। विजय स्वस्थ व्यक्ति के ही चरण चूमती है। स्वस्थ व्यक्ति ही साहस एवं धैर्य से पूर्ण जीवन व्यतीत कर सकता है। खेलों से यह स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है खेलों से नियम से खेलने वाले व्यक्ति में आत्म-विश्वास और कार्य करने की शक्ति विद्यमान रहती है।
“नियम से व्यायाम को नित कीजिए
दीर्घ जीवन का सुधा रस पीजिए”
खेलों के प्रकार
हमारे देश में खेलों के अंतर्गत फुटबाल, हॉकी, वालीबाल, क्रिकेट, कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, पोलो, तैराकी, घुड़सवारी, लम्बी कूद और हर प्रकार की दौड़ें आती हैं। इनके द्वारा शारीरिक एवं मानसिक शक्ति में वृद्धि के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। वास्तव में, देखा जाए तो खेल-कूद और व्यायाम हमारी शक्ति के स्रोत हैं।
जो इन स्रोतों के अनुयायी रहते हैं, वे सदैव शक्तिशाली, चुस्त और आरोग्य रहते हैं। आलस्य उनसे कोसों दूर रहता है। खेलों से शरीर में रक्त की गति तीव्र रहती है, जिससे पाचन शक्ति ठीक रहती है। संपूर्ण शरीर सुडौल और सुदृढ़ हो जाता है। पुट्टे शक्तिशाली हो जाते हैं, नेत्रों की ज्योति बढ़ जाती है। मन उल्लास से भरा रहता है।
खेलों द्वारा चरित्र निर्माण
खेलों द्वारा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ प्राप्त होता है, अपितु मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ होता है। खेलों द्वारा हमारे बौद्धिक विकास में भी सहायता मिलती है। इसके साथ-साथ खेलों द्वारा हमारे चरित्र का निर्माण होता है। इनके द्वारा हमारे मन से कुत्सित विचार या भावनाएँ स्वतः ही दूर हो जाती हैं। खेलों द्वारा आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न होती है। खिलाड़ी में आत्म-संयम, आत्म-विश्वास, दृढ़ निश्चय, हानि को सहन करने की क्षमता तथा विजयी होने का निश्चय आदि अनेक गुण उत्पन्न होते हैं जिनसे उसके उत्तम चरित्र का परिचय प्राप्त होता है।
राष्ट्र के महान खिलाड़ी पुरुष
हमारे देश के महान् पुरुष सदैव अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। यहाँ ऐसे वीरों की अनेक गाथाएँ प्रचलित हैं। धनुर्धारी राम, हनुमान, परशुराम, भीम, अर्जुन, अभिमन्यु और श्रीकृष्ण का नाम सुनकर किसकी भुजाएँ न फड़क उठेगी ? उन्होंने व्यायाम, ब्रह्मचर्य और शक्ति-पूजा से ही अचल कीर्ति प्राप्त की है।
पृथ्वीराज चौहान के शब्द-भेदी बाण, अकबर बादशाह की घुड़सवारी और स्वामी रामतीर्थ की तैराकी तथा व्यायाम की प्रवृत्ति से कौन परिचित नहीं ?
स्वामी दयानंद सरस्वती में शक्ति और स्वास्थ्य का चरमोत्कर्ष हुआ था। राष्ट्रपिता गांधी जी को भ्रमण में तथा जवाहरलाल नेहरू की तैरने में रुचि थी।
खेलों से प्राप्त शिक्षाएँ
खेलों से हमें अनेक शिक्षाएँ प्राप्त होती है। खेल संघर्ष द्वारा विजय प्राप्त करने की भावना पैदा करते हैं। खेल हँसते-हँसते अनेक कठिनाइयों का सामना करना सिखाते हैं। खेल के मैदान में खिलाड़ी में अनुशासन में रहने की भावना उत्पन्न होती है। एक-दूसरे को सहयोग देने और भाई-चारे की भावना भी खेलों से मिलती है।
उपसंहार
संक्षेप में कहा जा सकता है कि खेल-कूद मानव-जीवन का अभिन्न अंग है। जो लोग खेलों के महत्त्व को नहीं समझते, वे जीवन के महान् सुख से वंचित रह जाते हैं। विद्यार्थियों को खेलों में अवश्य भाग लेना चाहिए, क्योंकि खेलों में भाग लेने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास होगा तथा चरित्र का निर्माण भी होगा। मनुष्य को दीर्घ आयु के लिए व्यायाम या खेलों का अनुसरण अवश्य करना चाहिए।