Contents
नमस्कार प्रिय साथियों, आपका हिंदीशाला वेब पोर्टल पर स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम पतंग कविता के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को पढ़ने जा रहें है। ये सभी प्रश्न उत्तर आपकी बाहरवीं की परीक्षा के संदर्भ में काफी उपयोगी होने वाले है। इसलिए आपको इन प्रश्नों को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए। इसके साथ ही साथ आप पतंग कविता की व्याख्या को भी पढ़ सकते है।
पतंग कविता प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. इस “के कवि तथा कविता का नाम लिखें!
उत्तर– इस “के कवि का नाम आलोक धन्वा तथा कविता का नाम पतंग है।
प्रश्न 2. कवि ने सवेरे के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया है ?
उत्तर– कवि ने सवेरे के लिए लाल विशेषण का प्रयोग किया है।
प्रश्न 3. कभी नहीं सवेरे की तुलना किससे की है और क्यों ?
उत्तर– कभी के सवेरे की तुलना खरगोश की आंखों से की है क्योंकि उसकी आंखों में सवेरे जैसी लालिमा होती है।
प्रश्न 4. शरद ऋतु का आगमन कैसे हुआ ?
उत्तर– शरद ऋतु पूलों को पार करते हुए अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए आया। वह जोर-जोर से घंटी बजा कर पतंग उड़ाने वाले बच्चों को इशारों से बुलाते हुए आया।
प्रश्न 5. शरद का आगमन किस लिए हुआ है ?
उत्तर– शरद का आगमन इसलिए हुआ ताकि बच्चों कि पतंग आकाश में उड़ सके। दुनिया की बाँस की पतली कमानी के साथ सबसे हल्की वस्तु पतंग उड़ सके।
Patang Kavita Question Answer
प्रश्न 6. पतंग कविता का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – (1) कवि ने प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत चित्रण किया है।
(2)- बाल सुलभ इच्छाओं का अनूठा वर्णन है।
(3)- शरद ऋतु का मानवीकरण किया है।
(4)- मानवीकरण, अनुप्रास, स्वभावोक्ति, पद मैत्री, उपमा, पुनरुक्ति प्रकाश, शैलेश अलंकारों की छटा दर्शनीय है।
(5)- प्रसाद गुण है।
(6)- अभीधा शब्द शक्ति का प्रयोग है।
(7)- संस्कृत के तत्सम, तद्भव और विदेशी भाषा के शब्दों का प्रयोग है।
(8)- भाषा सरल, सरस खड़ी बोली है।
(9)- मुक्तक छंद है।
प्रश्न7. कपास कौन और कहां से लेकर आते हैं ?
उत्तर- कपास कोमल बच्चे अपने जन्म से ही लेकर आते हैं।
प्रश्न 8. कपास शब्द किसके लिए और क्यों प्रयुक्त हुआ है ?
उत्तर- कपास शब्द कोमल बच्चों के लिए प्रयुक्त हुआ है क्योंकि किशोर बच्चों में वैसी ही कोमलता एवं निश्छलता बनी होती है जैसी कपास में होती है।
प्रश्न 9. बच्चे कैसे दौड़ते हैं ?
उत्तर-बच्चे बेसुध होकर, छोटों को नरम बनाते हैं, दिशाओं को मृदंग इनकी तरह बजाते हुए, डाल की तरह लचीले वेग से दौड़ते हैं।
प्रश्न10. उपर्युक्त काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (1)- कवि ने बच्चों की चेष्टाओं क्रियाकलापों का सुंदर चित्रण किया है।
(2)- भाषा शुद्ध साहित्य खड़ी बोली है।
(3)- मानवीकरण, अनुप्रास, स्वभावोक्ति,उपमा अलंकार की शोभा है।
(4)- संस्कृत के तत्सम, तद्भव और विदेशी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग है।
(5)- प्रसाद गुण है।
(6)- अभिधात्मक शैली का प्रयोग है।
काव्याशं संबंधी प्रश्न उत्तर
प्रश्न 11. बच्चों के पतंग उड़ाते हुए छतों के किनारों से कौन बचाता है?
उत्तर- बच्चों के रोमांचित शरीर का संगीत उनको पतंग उड़ाते हुए छतों के किनारों से बचाता है।
प्रश्न 12. पतंगों की ऊंचाइयां बच्चों को कैसे थाम लेती है?
उत्तर- पतंगों की ऊंचाइयां बच्चों को एक धागे के सहारे थाम लेती है।
प्रश्न 13. पतंगों के साथ-साथ वह भी उड़ रहे हैं? पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-इस पंक्ति का भाव है कि अकाश में पतंग उड़ाते हुए बच्चे पतंग के सात आत्मिक रूप से जुड़ जाते हैं। उनका मन, तन और आत्मा पतंग के साथ-साथ हिलोरे लेने लगती है। इस प्रकार बच्चे पतंगों के साथ उड़ रहे हैं।
प्रश्न 14. काव्य–सौंदर्य—
उत्तर- (1) बच्चों की चेष्टा हूं का सजीव वर्णन हुआ है।
(2) भाषा सहज, सरल एवं सरस है।
(3) तत्सम, तद्भव और विदेशी शब्दावली का प्रयोग है।
(4) अनुप्रास पुनरुक्ति प्रकाश,स्वभावोक्ति अलंकारों की छटा है।
(5) प्रसाद गुण एवं अभिधा शब्द शक्ति है।
(6) भावपूर्ण शैली का प्रयोग है।
अर्थ ग्रहण संबंधी प्रश्न उत्तर
प्रश्न 15. बच्चे निडर होकर किस के सामने आते हैं ?
उत्तर- बच्चे निडर होकर सुनहरे सूर्य के सामने आते हैं।
प्रश्न 16. बच्चे निडर होकर सूर्य के सामने कब आते हैं ?
उत्तर- बच्चे निडर होकर सूर्य के सामने अब आते हैं जब वे छतों के खतरनाक किनारों से गिरकर बच जाते हैं।
प्रश्न 17. बच्चों के सूर्य के सामने आने पर क्या होता है ?
उत्तर- बच्चों के सूर्य के सामने आने पर पृथ्वी और भी तेज गति से घूमती हुई उनके बेचैन पैरों के पास आती है।
प्रश्न 18. काव्य-सौंदर्य—
उत्तर- (1) कोमल बच्चों के साहस और निडरता का सजीव चित्रण है।
(2) भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है।
(3) अनुप्रास,मानवीकरण,स्वभावोक्ति अलंकारों की छटा है।
(4) कोमल कांत पदावली का चित्रण है।
(5) प्रसाद गुण है।
(6) अभिधा शब्द शक्ति का प्रयोग है।
(7) शैली भावपूर्ण है।
(8) मुक्तक छंद है।
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 19. सबसे तेज बौछारें आ गयी, भादो गया के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर- यह कविता का प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत है। सबसे तेज बौछारें तथा भादो के जाने के बाद सवेरा हुआ जो अत्यंत लालिमा और सुंदरता से परिपूर्ण था। वह सवेरा खरगोश की आंखों के समान लाल रंग का था।शरद ऋतु अर्थात उजाला अनेक बौछारें और झाड़ियों को चीरता हुआ आया है। कवि ने शरद ऋतु का मानवीकरण करते हुए कहा है कि शरद अपनी चमकीली साइकिल पर सवार होकर घंटी बजाता हुआ आया।
अपने चमकीले संकेतों के द्वारा पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को अपने पास बुलाया।अपने चमकीले संकेतों और सौंदर्य से उसने आकाश को इतना मुलायम और सुंदर बना दिया जिसमें पतंग उड़ सके। साथ ही संसार का पहला पतला कागज, बांस की कमानी और रंग बिरंगी वस्तुत सके। जब बच्चे के रंग-बिरंगे पतंग आकाश में उड़ने लगे तो चारों और सीटियां और किलकारियां की आवाज गूंज उठे तथा तितलियों ने मधुर गुंजार शुरू कर दिया।
प्रश्न 20. सोच कर बताएं कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषण का प्रयोग क्यों किया है ?
उत्तर- पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमाने जैसी विशेषताओं का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि यह कविता बाल सुलभ चेष्टाओं और उनके क्रियाकलापों का चित्रांकन करती है। बच्चे का मन अत्यंत कोमल और हल्का होता है, वह शरीर से भी दुबला, पतला,कोमल, चंचल होता है। वह निश्चल होता है। अतः एक कोमल बच्चे की कोमल भावनाओं, कोमल शरीर, निश्छल मन, चंचलता आदि की अभिव्यक्ति के लिए ही इन विशेषताओं का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 21. बिंब स्पष्ट करें—
सबसे तेज बौछारें गयी भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया फूलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुएकी पतंग ऊपर उठ सके।
उत्तर- प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने गतिशील बीमा योजना का सजीव चित्रण किया है। इसके साथ-साथ दृश्य बिंब का भी समायोजन किया गया है।
प्रश्न 22. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास-कपास के बारे में सोचें की कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है।
उत्तर- कपास की प्रकृति जैसी निर्मल सुकोमल-निश्छल और चंचल होती है। उसी प्रकार से बच्चे भी अत्यंत निर्मल, सुकोमल, निश्छल और चंचल प्रकृति के होते हैं। बच्चों में कपास की भांति कोमलता झलकती है। कपास की तरह बच्चों के साफ-स्वच्छ मन में भी कोई मैल नहीं होती। उनमें इसी की तरह स्वछंदता होती है।
इन्हें भी पढ़ें :-