आदिकाल के कवियों की महत्त्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ / Aadikal Ki Pramukh Panktiyan

आदिकाल के कवियों की महत्त्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ

दोस्तों यदि आप UGC NET/JRF हिंदी विषय की तैयारी कर रहें है तो आपके लिए यह टॉपिक बहुत ही ख़ास होने वाला है। इसका कारण यह है कि बार हिंदी साहित्य से सवाल पेपर में पूछे जाते ही है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आदिकाल के कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ लेकर आये है। आपको इन्हें पढ़कर यह याद रखना होगा कि ये पंक्ति किस कवि की है।

1. “जो जिण सासण भाषियठ सो भइ कहियड सारु।
जो पालइ सइ भाउ करि सो सरि पावइ पारु ॥” देवसेन (श्रावकाचार)

2. “पंडिअ सअल सत्त बक्खाणइ। देहहि रुद्ध बसंत न जाणइ।
अमणागमण ण तेन विखंडिअ। तो वि णिलज्जइ भणइ हउँ पंडिय॥”– सरहपा

3. “जहि मन पवन न संचरइ, रवि ससि नाहि पवेश।
तहि वत चित्त विसाम करु, सरेहे कहिअ उवेश ॥”– सरहपा

4. “घोर अधारे चंदमणि जिमि उज्जोअ करेइ।
परम महासुह एषु कणे दुरिअ अशेष हरेइ ॥”– सरहपा

5. “काआ तरुवर पंच विडाल” – लूइपा

6. “भाव न होइ, अभाव ण जाइ” – लूइपा

7. “सहजे थर करि वारुणी साध” – विरुपा

8. “एक्क ण किज्जइ मंत्र ण तंत” – कण्हपा

9. “हालो डोंबी ! तो पुछमि सदभावे।
सदगुरु पाअ पए जाइब पुणु जिणउरा” – कण्हपा

7. ” भल्ला हुआ जो मारिया ” – हेमचन्द्र

8. “पिय संगमि कउ निद्दड़ी” – हेमचन्द्र

9. “गंगा जउँना माझे बहइ रे नाई” – डोम्भिपा

10. “नगर बाहिरे डोंबी तोहरि कुडिया छइ ।”
“छोड़ जाइ सो बाह्य नाड़िया ॥” – कण्हपा

11. “जिमि लोण बिलिज्जइ पाणि एहि तिमि धरणी लइ चित्त” – कण्हपा

12. “देसिल बयना सब जन मिट्ठा।
ते तँसन जंपओ अवहट्ठा ॥” – विद्यापति

13. “हिन्दू बोले दूरहि निकार।
छोटे तरुका भभकी मार ॥” -विद्यापति (कीर्तिलता से)

14. “मनहु कला ससभान कला सोलह सो बन्निय”
‘विगसि कमलस्त्रिग, भ्रमर, बेनू, खंजन मृग लुट्टिय”– पृथ्वीराज रासो से

15. “बज्जिय घोर निसान रान चौहान चहाँ दिस।” – पृथ्वीराज रासो से

16. “उट्टि राज प्रिथिराज बाग मनो लग्ग वीर नट” – पृथ्वीराज रासो से 

17. “बारह बरिस लै कूकर जीऐं औ तेरह लौ जिऐं सियार ।
बरिस अठारह छत्री जीऐं, आगे जीवन को धिक्कार ॥” – जगनिक

18. “एक थाल मोती से भरा ” – अमीर खुसरो

19. “एक नार ने अचरज किया”-अमीर खुसरो

20. “गोरी सोवै सेज पर, मुख पर डारै केस”– अमीर खुसरो

21. “मेरा जोबना नवेलरा भयो है गुलाल” – अमीर खुसरो

22. “जे हाल मिसकी मकुन तगाफुल दुराय नैना, बनाय बतियाँ” – अमीर खुसरो

23. “सरस वसंत समय भल पावलि” – विद्यापति (पदावली से)

24. “कालि कहल पिय साँझहिरे, जाइब मइ मारू देस” – विद्यापति (पदावली से)

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