‘गोदान’ उपन्यास में प्रेमचन्द द्वारा प्रस्तुत नारी भावना की विवेचना PDF

1. गोदान उपन्यास में नारी भावना संसार की सार्थकता उसकी गतिशीलता में है और संसार को गतिशीलता प्रदान करने वाले दो तत्त्व हैं-नारी और पुरुष जीवन रूपी गाड़ी के ये दोनों दो पहिए हैं। जैसे …

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मंदाकिनी का चरित्र चित्रण (ध्रुवस्वामिनी नाटक के आधार पर) PDF

मंदाकिनी का चरित्र चित्रण मन्दाकिनी नाटक में एक काल्पनिक पात्र है। नाटककार ने उसे रामगुप्त व चंद्रगुप्त की बहन के रूप में चित्रित किया है। नाटक में यह स्वच्छंद गुप्तवाला जहाँ-जहाँ भी उपस्थित होती है, …

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रामगुप्त का चरित्र चित्रण | Ramagupta Charitra Chitran PDF

रामगुप्त का चरित्र चित्रण रामगुप्त ध्रुवस्वामिनी नाटक का एक प्रमुख पात्र है। वह एक ऐसा पात्र है जो अपने छल कपट से अपने ही भाई, अपनी पत्नी यहाँ तक कि अपने देश को भी नुकसान …

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गोदान उपन्यास की समस्या : ग्रामीण एवं शहरी | Godan Upnyas Ki Samasya PDF

गोदान उपन्यास की समस्या मुंशी प्रेमचन्द सच्चे अर्थों में एक महान् साहित्यकार थे जिन्होंने ‘कलम का सिपाही’ बनकर देश की सेवा की थी। अपने युग के वे द्रष्टा थे और उसके पथप्रदर्शक भी। उन्होंने पराधीन …

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ध्रुवस्वामिनी का चरित्र चित्रण | Dhruvswamini Ka Charitra Chitran

ध्रुवस्वामिनी का चरित्र चित्रण ध्रुवस्वामिनी इस नाटक की सर्वाधिक प्रमुख पात्र है। सम्पूर्ण नाटक उसी के चरित्र के इर्द-गिर्द घूमता है। वह चन्द्रगुप्त की वाग्दत्ता है, परंतु उसका विवाह छलपूर्वक अयोग्य रामगुप्त से हो जाता …

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भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण-युग क्यों कहा जाता है; Bhaktikal Swarn Yug

भक्तिकाल हिंदी साहित्य का स्वर्ण-युग भक्तिकाल : एक स्वर्ण युग साहित्य के संदर्भ में स्वर्ण युगीन साहित्य से अभिप्राय उस साहित्य से होता जिसका संबंध सार्वकालिक, सार्वभौमिक तथा सार्वदेशिक हो। जिसमें सभ्यता और संस्कृति का …

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ध्रुवस्वामिनी नाटक का नायकत्व PDF : क्या ध्रुवस्वामिनी नाटक नायिका प्रधान रचना है ?

ध्रुवस्वामिनी नाटक का नायकत्व आलोचकों में यह प्रश्न सदा से विवादास्पद रहा है कि ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक में नायक कौन है? इस नाटक में पुरुष पात्रों में रामगुप्त और चंद्रगुप्त दो प्रधान पुरुषपात्र हैं और नारी …

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ध्रुवस्वामिनी नाटक का उद्देश्य और समस्याएं PDF : जयशंकर प्रसाद नाटक

ध्रुवस्वामिनी नाटक का उद्देश्य ध्रुवस्वामिनी एक उद्देश्यपूर्ण नाटक है, जिसमें जयशंकर प्रसाद जी ने ऐतिहासिक कथानक लेते हुए अपने उद्देश्य को स्पष्ट किया है। स्वयं उसके अनुसार- ‘मेरी इच्छा भारतीय इतिहास के अप्रकाशित अंश में …

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ध्रुवस्वामिनी नाटक का सार/सारांश | Dhruvswamini Natak Summary PDF

ध्रुवस्वामिनी नाटक का सार ध्रुवस्वामिनी जयशंकर प्रसाद कृत एक ऐतिहासिक नाटक है, जो ऐतिहासिक नाटक होकर भी समस्या नाटक बन गया है। कलात्मक उत्कर्ष की दृष्टि से यह नाटक उनके तीन प्रमुख नाटकों; क्रमश- स्कन्दगुप्त’, …

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