जामुन का पेड़ पाठ का सार/सारांश | Jamun Ka Ped Summary PDF

जामुन का पेड़ पाठ का सार

जामुन का पेड़ पाठ का सार

जामुन का पेड़’ कथाकार कृश्नचंदर की एक प्रसिद्ध हास्यव्यंग्यपूर्ण कहानी है। हास्य-व्यंग्य के लिए चीजों को अनुपात से ज्यादा बढ़ाकर दिखाया जाता है। इसलिए इस कहानी की घटनाएँ भी अतिशयोक्तिपूर्ण और अविश्वसनीय प्रतीत होती हैं। यह पाठ कक्षा 11 NCERT (Chapter 8) में संकलित है। 

कहानी इस प्रकार है:-

एक रात जोर की आँधी से सेक्रेटेरिवेट के पार्क में लगे जामुन के पेड़ के गिरने से उसके नीचे एक व्यक्ति दब गया। माली ने धीरे-से सबका ध्यान उस दबे हुए आदमी की ओर दिलाया तो सुपरिटेंडेंट सहित सभी सोचने लगे कि अब क्या किया जाए? सुपरिंटेंडेंट अंडर-सेक्रेटरी से पूछने जाता है। अंडर-सेक्रेटरी डिप्टी सेक्रेटरी से पूछता है। डिप्टी सेक्रेटरी ज्वाइंट सेक्रेटरी से। ज्वाइंट सेक्रेटरी चीफ सेक्रेटरी से पूछता है। चीफ सेक्रेटरी मिनिस्टर से पूछता है। फिर सारा मामला कृषि विभाग पहुँचता है व्यापार विभाग के बीच उलझ जाता है।

पेड़ के फलदार होने के कारण मामला हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर विभाग के बीच उलझ जाता है। इस सारी कागजी कार्रवाई में कई दिन बीत जाते हैं। रात को माली दबे हुए व्यक्ति को प्रतिदिन दाल-भात खिला देता, जबकि उसके चारों तरफ पुलिस का पहरा था कि कहीं लोग कानून को अपने हाथ में लेकर पेड़ को खुद ही न हटा दें।

जब फाइल हॉर्टीकल्चर और एग्रीकल्चर विभाग के बीच उलझ जाती है तो एक मनचला कहता है कि इस व्यक्ति को ही काटकर निकाल लिया जाए, फिर प्लास्टिक सर्जरी से धड़ को फिर से जोड़ा जा सकता है। इसलिए इस बार फाइल मेडिकल विभाग गई। प्लास्टिक सर्जन ने जाँच करके रिपोर्ट भेज दी कि इस तरह निकालने से आदमी मर सकता है। इसलिए यह फैसला रद्द कर दिया गया। जब दबे व्यक्ति ने एक शेर माली को सुनाया तो पता चला कि वह एक शायर है।

अब सेक्रेटेरियेट की सब कमेटी ने फैसला किया कि इस फाइल को कल्चरल विभाग में भेजा जाए। कल्चरल विभाग से फाइल साहित्य अकादमी के सेक्रेटरी के पास पहुंची। जब सेक्रेटरी को पता लगा कि दबे हुए व्यक्ति का उपनाम ओस है तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ। उसने उस व्यक्ति को अपनी सरकारी साहित्य अकादमी को कहकर अपनी केंद्रीय शाखा का सदस्य चुन लिया। दबे हुए व्यक्ति को चुनाव-पत्र देते हुए सेक्रेटरी ने उससे कहा कि उससे यह सहन नहीं हुआ कि इतना बड़ा कवि जिसने ‘ओस के फूल’ नामक रचना लिखी है, गुमनामी में जीवनयापन करे।

इन्हें भी पढ़े :-
1st Chapter 11th Class Hindi
2nd Chapter 11th Class Hindi
3rd Chapter 11th Class Hindi
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6th Chapter 11th Class Hindi
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जामुन का पेड़ सारांश 

जब दबे हुए कवि ने कहा कि उसे इस पेड़ के नीचे से निकालो तो सेक्रेटरी ने जवाब दिया कि पेड़ काटने का मामला फॉरेस्ट विभाग का है। उसने फॉरेस्ट विभाग को लिख दिया है। दूसरे दिन जब फॉरेस्ट विभाग के व्यक्ति पेड़ काटने के लिए पहुँचे तो विदेश विभाग से हुक्म आया कि इस पेड़ को न काटा जाए क्योंकि इस वृक्ष को दस साल पहले पीटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने सेक्रेटेरिवेट के लॉन में लगाया था। अगर इस वृक्ष को काटा गया तो पीटोनिया सरकार से हमारे संबंध सदा के लिए बिगड़ जाएंगे। पेड़ के नीचे दबा कवि किसी-न-किसी तरह अपने जीवन के लिए लड़े जा रहा था ।

अगले दिन शाम को सुपरिटेंडेंट कवि की फाइल लेकर उसके पास आया और बताया कि आज उसकी फाइल पूर्ण हो गई है। प्रधानमंत्री ने इस पेड़ को काटने का हुक्म दे दिया है। कल यह पेड़ काट दिया जाएगा। मगर कवि सुपरिटेंडेंट की बात का जवाब नहीं दे रहा था क्योंकि उसके जीवन की फाइल भी पूर्ण हो चुकी थी यानि उसका स्वर्गवास हो गया था। कहानी के अंत में हम कह सकते हैं कि कार्यालयी तौर-तरीकों में पाया जाने वाला विस्तार निरर्थक और हास्यास्पद है। इस कहानी में कानूनी व्यवस्था का संवेदनशून्य और अमानवीय रूप भी उभरकर सामने आता है।

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