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मन्नू भंडारी जीवन परिचय
श्रीमती मन्नू भंडारी, इनका मूल नाम महेंद्र कुमारी है, नई कहानी आंदोलन की सशक्त कथा लेखिका है। इनका जन्म सन 1931 में भानपुरा( राजस्थान) में हुआ था। इन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा अजमेर में रहते हुए प्राप्त की। इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी एम. ए. की डिग्री प्राप्त की। ये दिल्ली तथा कोलकाता के मिरांडा हाउस में अध्यापिका के पद पर कार्यरत रही। सुप्रसिद्ध कथाकार राजेंद्र यादव इनके पति हैं।
मन्नू भंडारी संक्षिप्त जीवनी
नाम | मन्नू भंडारी |
जन्म | 3 अप्रैल 1931 ई. |
जन्म स्थान | भानपुरा, मध्यप्रदेश |
पिता का नाम | सुखसम्पत राय |
माता का नाम | अनूप कुमारी |
पति का नाम | राजेन्द्र यादव |
पुत्री का नाम | रचना |
निधन | 15 नवंबर 2021 ई. |
जीवंत आयु | 90 वर्ष |
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सम्मान
इन्हें हिंदी अकादमी दिल्ली का शिखर सम्मान, भारतीय भाषा परिषद कोलकाता, बिहार सरकार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है।
प्रमुख रचनाएं
इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित है—
(1). कहानी-संग्रह — ‘आंखों देखा झूठ’, ‘त्रिशंकु’, ‘यही सच है’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’, ‘एक प्लेट सैलाब’, ‘मैं हार गई’।
(2). उपन्यास — ‘महाभोज’, ‘आपका बंटी’, ‘स्वामी’, ‘एक इंच मुस्कान’, (राजेंद्र यादव के साथ)।
साहित्यिक विशेषताएं
मन्नू भंडारी की कहानियों में कहीं पारिवारिक जीवन, कहीं नारी-जीवन और कहीं समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन की विसंगतियां विशेष आत्मीय अंदाज में अभिव्यक्त हुई है। मनोवैज्ञानिक रचनात्मक आधार में इन्होंने व्यंग्य, आक्रोश और संवेदना को अभिव्यक्त किया है।
भाषा-शैली
‘रजनी’ नामक इस पटकथा की भाषा सरल, सहज व बोधगम्य है। संवाद भावना कूल है, जैसे—अमित( झुंझला कर) बता तो दिया आंटी। आप……
रजनी— (गुस्से से) ठीक है तो अब बैठ कर रोओ तुम मां बेटे दोनों। इसके अतिरिक्त प्रचलित अंग्रेजी के शब्दों का अधिक मात्रा में प्रयोग हुआ है,जैसे हेड मास्टर: सॉरी मैडम, इयरली एग्जामस की कॉपियां तो हम लोग नहीं दिखाते हैं। इसके अतिरिक्त टीचर्स, स्टूडेंट्स, व्हाट, विल यू प्लीज, गेट आउट ऑफ दिस रूम’ आदि। इस पटकथा में भावपूर्ण और व्यंग्य-शैली का प्रयोग किया गया है।