हरियाणा पर निबंध
हरियाणा भारतवर्ष का एक प्रमुख राज्य है। यह उत्तरी भारत में स्थित एक समृद्ध राज्य हैं। हरियाणा की भूमि वीरों की जननी है।यहाँ का हरेक स्री-पुरुष मेहनती हैं। सिकंदर से लेकर तैमूर और बाबर जैसे लगभग दो हजार आक्रमणकारियों का मुकाबला इसी धरती के वीरों ने किया। पानीपत की तीन महान् लड़ाइयों इसी राज्य की छाती पर लड़ी गई थीं। महाभारत का महान युद्ध भी हरियाणा के कुरुक्षेत्र नामक स्थान पर हुआ। शत्रु के खून से नहाई हुई यह धरती स्वभाव से ही वीरता और बलिदान की प्रेरणा प्रदान करती है।
देसी माँ देस हरियाणा।
जित दूध दही का खाना ।।
नाम की उत्पत्ति
हरियाणा’ नाम की उत्पत्ति के बारे में कई विचारधाराएं हैं। कई विद्वान इस शब्द के दो पदों का अर्थ ‘हरि’ = ‘कृष्ण’, ‘आणा’ ‘पधारना’ लगाकर भगवान् श्रीकृष्ण के आगमन के साथ जोड़ते हैं। कई इसे ‘ह’ शंकर का प्रदेश कहते हैं। हर का प्रदेश अर्थात् हरयाणा कहते हैं। कुरुक्षेत्र में भगवान् श्रीकृष्ण का यान अर्थात् रथ चल रहा था, अतः इसे हरियाणा कहते हैं।
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हरियाणा की भौगोलिक स्थिति और निर्माण
यह प्रांत सरस्वती नदी के पावन तट पर बसा है। इसके पूर्व में भारत की राजधानी नई दिल्ली है। दक्षिण में राजस्थान, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और पश्चिम में पंजाब स्थित है। यद्यपि हरियाणा प्रांत अति प्राचीन है, परंतु यह 1 नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया यहाँ की जनसंख्या 2.34 करोड़ के लगभग है। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है। इसमें 90 विधानसभा, 10 लोकसभा क्षेत्र तथा 22 जिले हैं। इस प्रदेश की भाषा हिंदी है।
कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा एक कृषि प्रधान प्रदेश है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहाँ गेहूं, चना, मोठ, चावत, मूंग, कपास, सरसों, गन्ना आदि फसलें उगाई जाती हैं। यहाँ की गेहूँ एवं चावल की मंडियों केवल भारत में ही नहीं अपितु एशिया-भर में प्रसिद्ध हैं। करनाल में स्थित ‘राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
औद्योगिक केंद्र
उद्योगों के क्षेत्र में भी हरियाणा सबसे आगे है। सूरजपुर में सीमेंट का उद्योग है। पिंजौर में हिंदुस्तान मशीन टूल्ज का बहुत बड़ा कारखाना है। फरीदाबाद में विभिन्न प्रकार के कारखाने हैं। सोनीपत की एटलस साइकिल की फैक्टरी विश्व भर में प्रसिद्ध है। यमुनानगर में पेपर मिल एवं बर्तनों के कारखाने हैं। पानीपत और करनाल चीनी मिलों के लिए प्रसिद्ध है।
करनाल में जूतों की कम्पनी विश्व भर में प्रसिद्ध है। हरियाणा के दर्शनीय धार्मिक स्थान हरियाणा में अनेक दर्शनीय एवं धार्मिक स्थल हैं जिनमें से कुरुक्षेत्र, करनाल, पिहोवा, नारनौल, भिवानी आदि दर्शनीय स्थल हैं और सोहना का गर्म पानी का स्रोत, बड़खल झील, कुरुक्षेत्र का बिरला मंदिर आदि प्रमुख हैं।
साहित्य एवं संस्कृति का केंद्र
संस्कृत के महाकवि बाणभट्ट एवं पं० छज्जूराम शास्त्री का जन्म इसी पवित्र धरती पर हुआ। हिंदी क्षेत्र के पं० माधव मिश्र और बालमुकुन्द का जन्म भी इसी पवित्र धरती पर हुआ संतों में कबीर, निश्चलदास तथा गरीबदास का जन्म भी इसी पवित्र धरती पर हुआ। हरियाणा पर्व-प्रधान प्रदेश है। यहाँ प्रसिद्ध त्योहारों के अतिरिक्त तीज, करवाचीय, मका संक्रांति, शिवरात्रि, गूगा नवमी, गोपाष्टमी आदि प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में युद्ध के मैदान के बिच में दिया था।
निष्कर्ष
सार रूप में कहा जा सकता है कि हरियाणा एक नवगठित प्रदेश है, किंतु फिर भी इसने विभिन्न क्षेत्रों में अदभुत उन्नति की है। यहां के लोग बहुत ही मेहनती और ईमानदार है। हमें हरियाणा निवासी होने का गर्व है। कुछ ही समय में हरियाणा एक आदर्श राज्य के रूप में उभरकर संसार के सामने आएगा। अतः हमें हरियाणा से घनिष्ठ प्रेम है।