रजनी पाठ का सार/सारांश | Rajani Path Summary PDF

रजनी पाठ का सार

रजनी पाठ का सार

रजनी शीर्षक पाठ मन्नू भंडारी द्वारा लिखित एक पठकथा है। यह पाठ कक्षा 11th NCERT की पठन-सामग्री में सातवें पाठ के रूप में संकलित है। पटकथा का अर्थ है-पट या स्क्रीन या रजत पट (फिल्म का के लिए लिखी गई एक कहानी, जिसे टेलीविज़न पर दिखाया जा सकता है। इस पटकथा में व्यवसाय बनती शिक्षा की स और समाज का ध्यान खींचा गया है।

इस पटकथा में सर्वप्रथम दिखाया गया है कि अमित नामक विद्यार्थी का परीक्षा परिणाम आया है। यह 72 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है जबकि उसे 95 प्रतिशत अंक आने की उम्मीद थी। लीला अमित की माँ है। अमित के पड़ोस में कथा-नायिका रजनी रहती है। अमित इन्हें बेहद आदर देता है। वह अमित से कम अंक प्राप्त करने का कारण पूछती है तो अमित उसे बताता है कि उसके गणित के अध्यापक सभी विद्यार्थियों को ट्यूशन करने की सलाह देते हैं, जो उनसे ट्यूशन नहीं करता, उन्हें कम अंक आने का परिणाम भुगतना पड़ता है। रजनी अगले दिन स्कूल जाती है और अमित के साथ हुई बेइंसाफी की बात बताती है और पेपर दिखाने की माँग करती है। मुख्याध्यापक पेपर दिखाना स्कूल के नियम के विरुद्ध बताकर बात टाल देता है।

इन्हें भी पढ़े :-
1st Chapter 11th Class Hindi
2nd Chapter 11th Class Hindi
3rd Chapter 11th Class Hindi
4th Chapter 11th Class Hindi
5th Chapter 11th Class Hindi
6th Chapter 11th Class Hindi

Rajani Path Ka Saar

रजनी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन के ऑफिस जाती है। चपरासी के रोकने के बावजूद वह जबरदस्ती ऑफिस के अंदर चली जाती है। यह डायरेक्टर को अपना परिचय एक रिसर्च करने वाली के रूप में देती है जो स्कूलों, विशेष रूप से प्राइवेट स्कूलों और बोर्ड के आपसी संबंधों के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहती है। निदेशक उसे बताता है कि मान्यता प्राप्त स्कूलों को 90% सहायता दी जाती है। वह निदेशक को कहती है कि यदि कोई अध्यापक गलत ढंग से बच्चों को ट्यूशन के लिए उकसाए तो उसके लिए क्या कानून है। निदेशक रजनी की बातों पर ध्यान नहीं देता और कहता है कि उसके पास और भी काम हैं।

इसके बाद रजनी व्यक्तिगत रूप से लोगों से मिलती है। अखबार के दफ्तर में जाकर संपादक से भी मिलती है। रजनी अखबार के माध्यम से लोगों तक शिक्षा के क्षेत्र में चल रही धोखाधड़ी की खबर पहुँचाती है। खबर पढ़कर अध्यापक व अन्य कई लोग मीटिंग स्थल पर पहुँचते हैं। अध्यापक ट्यूशन लेने का कारण कम वेतन बताते हैं। वे बताते हैं कि हस्ताक्षर ज्यादा वेतन पर करवाए जाते हैं, लेकिन वेतन कम दिया जाता है। अगले दिन रजनी का पति अखबार में रजनी की तस्वीर व उसके बारे में लिखा समाचार पढ़ता है।

समाचार यह था कि बोर्ड ने यह प्रस्ताव मान लिया है कि अध्यापक अपने स्कूल के छात्र को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे और हस्ताक्षर ज्यादा वेतन पर नहीं करवाए जाएंगे जितना वेतन दिया जाएगा उतने पर ही हस्ताक्षर करवाए जाएँगे। रजनी अन्याय के विरुद्ध डटकर मुकाबला करती है और सफल होती है।

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