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विशेषण किसे कहते हैं (Visheshan Kise Kahate Hain) :- दोस्तों यदि आप यह जानना चाहते है कि विशेषण किसे कहते हैं तथा इसके कितने भेद है तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए ही बनाया गया है। इस पोस्ट में हमने विशेषण से संबंधित हर प्रकार की जानकारी को शामिल किया है। यदि आप इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ लेते हैं तो निश्चित रूप से आपको विशेषण के बारे में हर सवाल का जवाब दे सकेंगे। इसलिए आपको यह आर्टिकल अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।
विशेषण किसे कहते हैं ?
जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, रंग, आकर प्रकार आदि) को प्रकट करते है वे विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण – पेन का रंग लाल है।
इस वाक्य में पेन एक संज्ञा शब्द है तथा लाल रंग इसकी विशेषता को प्रकट कर रहा है इसलिए लाल शब्द यहाँ विशेषण है।
यह गाड़ी बहुत अच्छी है।
इन दोनों वाक्यों में लाल और अच्छी विशेषण शब्द है।
विशेषण का अर्थ
विशेषण का अर्थ होता है – विशेषता उत्पन्न करने वाला।
विशेषण के इस टॉपिक को अच्छे से समझने के लिए आपको विशेष्य और प्रविशेषण को जान लेना भी आवश्यक है।
विशेष्य की परिभाषा
जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता प्रकट की जाती है उसे विशेष्य कहते है।
उदाहरण – आज की परीक्षा बहुत आसान है।
इस वाक्य में ‘परीक्षा’ शब्द की विशेषता बताई गयी है इसलिए यह शब्द विशेष्य है।
प्रविशेषण की परिभाषा
जो शब्द वाक्य में स्वयं विशेषण की भी विशेषता प्रकट करता हो उसे प्रविशेषण कहते है।
उदाहरण – भावना बहुत सुंदर बलिका है।
इस वाक्य में ‘बहुत’ प्रविशेषण है क्योंकि यह सुंदर की भी विशेषता बता रहा है।
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विशेषण के कितने भेद होते हैं ?
प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के चार (4) भेद होते हैं।
1. गुणवाचक विशेषण
2. संख्यावाचक विशेषण
3. परिमाणवाचक विशेषण
4. संकेतवाचक विशेषण
परिभाषा एवं उदाहरण सहित विशेषण के भेदों की परिभाषा
गुणवाचक विशेषण
जो विशेषण संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के गुण-दोष, रंग-रूप, स्थान, आकर, स्वाद, अच्छाई-बुराई आदि की विशेषता बताते हैं उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण – नीला, काला, ईमानदार, दानी, नया, पुराना, पतला, मोटा आदि।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण
मोहन एक ईमानदार व्यक्ति है।
आसमान का रंग नीला है।
2. संख्यावाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता का बोध करवाते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
संख्यावाचक विशेषण के भी दो प्रकार होते हैं :-
(अ) निश्चित संख्यावाचक, (ब) अनिश्चित संख्यावाचक
(अ) निश्चित संख्यावाचक :- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध करवाते हैं। जैसे – दो, तीन, पाँच आदि।
उदाहरण – तीन मंजिला मकान।
(ब) अनिश्चित संख्यावाचक :- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की किसी अनिश्चित संख्या का बोध करवाते हैं, इसमें संख्या का मात्र अनुमान लगाया जाता है। जैसे – कुछ, कई, थोड़ा, ज्यादा, बहुत आदि।
उदाहरण – मेरा पास बहुत धन है।
3. परिमाणवाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सवर्नाम की माप-तोल आदि के बारे में विशेषता को प्रकट करते हैं, उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण – मैं प्रतिदिन 2 लीटर दूध पिता हूँ।
इस वाक्य में 2 लीटर दूध को मापा या तोला जा सकता है।
परिणामवाचक विशेषण को भी दो भागों में बांटा जाता हैं :-
(अ) निश्चित परिणामवाचक, (ब) अनिश्चित परिणामवाचक
(अ) निश्चित परिणामवाचक :- जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिणाम का बोध करवाते हैं। जैसे – दो किलो अनाज, पाँच मीटर कपड़ा आदि।
(ब) अनिश्चित परिणामवाचक :- जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम के अनिश्चित परिणाम का बोध करवाते हैं, इसमें सिर्फ मात्रा का अंदाजा लगाया जाता है। जैसे – ख़ूब सारा पैसा, तनिक पानी, कई किलों फ़ल आदि।
4. संकेतवाचक विशेषण/सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम शब्द विशेषण के रूप किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता हैं, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण – वह बालिका खेल रही हैं।
वह बबूल का पेड़ है।
कोई व्यक्ति हँस रहा है।