बच्चे काम पर जा रहे है कविता प्रश्न उत्तर | Class 9th Hindi Chapter 17

बच्चे काम पर जा रहे है अभ्यास के प्रश्न उत्तर

Bacche Kaam Par Ja Rahe Hain Question Answer

प्रश्न 1. कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।

उत्तर – प्रस्तुत कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से मन में एक भयंकर चित्र उभरता है। ऐसा लगता। है कि छोटे-छोटे बच्चे ठंड में ठिठुरते हुए मैले-कुचैले वस्त्रों में अपने जीर्ण-शीर्ण शरीर को ढके हुए, डरे-से, सहमे-से कारखानों की और चले जा रहे हैं। उनकी आँखों में मानों कोई स्वप्न ही नहीं रहा। कच्ची उम्र में काम के बोझ तले दबे हुए-से ये बच्चे।

प्रश्न 2. कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि “काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे ?’ कवि की दृष्टि में उसने प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए ?

उत्तर – कवि की दृष्टि में इस भयानक बात को प्रश्न के रूप में इसलिए पूछा जाना चाहिए, क्योंकि यह बात कोई साधारण बात नहीं अपितु समाज की एक अनंत समस्या है, जिसे समाज व उसके ठेकेदारों से प्रश्न के रूप में पूछा जाना चाहिए।आख़िरकार बच्चों को पढ़ाने की अपेक्षा उनसे काम करवाकर उनका शोषण क्यों किया जा रहा है। अतः कवि का यह कहना उचित है कि हर बात को विवरण की अपेक्षा एक प्रश्न के रूप में पूछा जाना चाहिए।

प्रश्न 3. सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे बंचित क्यों हैं?

उत्तर – कवि की दृष्टि में बच्चे सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से इसलिए वंचित है कि उन्हें खेलने व पड़ने की अपेक्षा करने के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो अपने बच्चों को में साथ सुविधाएँ उ ही नहीं करा सकते वे उन्हें भोजन व वस्त्र तक ती प्रदान नहीं कर सकते हैं, ये सुविधाएं तो उनके लिए दूर की बात है

प्रश्न 4. दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं ?

उत्तर – वस्तुतः आज के युग में हर कोई बच्चों की काम पर जाते देख रहा है, किंतु उनकी ओर ध्यान इसलिए नहीं दे रहा है,क्योकि हर कोई अपने-अपने स्वार्थी तक ही सीमित होकर रह गया है। इसके अतिरिक्त भौतिकतावाद को दौड़ में दौड़ते हुए लोगों के दिनों में संवेदनाओं और भावनाओं को पास भी सूख गई है, इसलिए लोगों को बच्चों का काम पर जाना अटपटा नहीं लगता।

प्रश्न 5. आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है।

उत्तर – अपने शहर में बच्चों को चाय की दुकानों व होटलों पर काम करते हुए देखते हैं। इतना ही नहीं, उनके नाम भी बदल दिए जाते हैं। जैसे-छोटू का मुंह आदि इसके अतिरिक्त परों में बरतन व सफाई का काम करती हुई छोटी छोटी बच्चियाँ सब शहरों में देखी जा सकती है।

प्रश्न 6. बच्चों का काम पर जाना भरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है।

उत्तर – चरती पर किसी बड़े पद के पटित हो जाने से जीवन का विकास रुक जाता है। इसी प्रकार बच्चों के काम पर जानें से उनके जीवन के विकास की जो समुचित प्रक्रिया है, वह रुक जाती है। उनमें कुछ बनने की संभावनाएं होती है, किंतु वे वैसे नहीं बन पाते। इसलिए बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है।

इन्हें भी पढ़े :-
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ प्रश्न उत्तर
साँवले सपनों की याद पाठ प्रश्न उत्तर
दो बैलों की कथा पाठ प्रश्न उत्तर

Bacche Kaam Par Ja Rahe Hain Question Answer

प्रश्न 7. काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने आपको रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।

उत्तर – जब में प्रातःकाल काम पर जाता है, उस समय में स्कूल में जाते हुए अन्य बच्चों को देखकर बड़ा निराश हो जाता है। मेरा भी मन करता है कि में भी उनके साथ स्कूल जाऊँ और पढ़े। आधी छुट्टी के समय में भी स्कूल के खेल के मैदान में हुई। कभी कभी मुझे अपने भाग्य पर गुस्सा आता है तो कभी भगवान पर कि मुझे गरीब परिवार में क्यों जन्म दिया है। फिर यह सोच सब का पेट भर लेता हूँ कि जो मेरे भाग्य में लिखा है, वही मुझे मिलेगा।

प्रश्न 8. आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए।

उत्तर – हमारे विचार में बच्चों से काम पर इसलिए नहीं भेजा जाना चाहिए, क्योंकि यह समय उनके व्यक्तित्व के निर्माण या खेलने का समय होता है। उन्हें पढ़ने लिखने व खेलने, हँसने-गाने के मौके मिलने चाहिए, ताकि वे पढ़-लिखकर ज्ञानवान बन सके और स्वस्थ इंसान बन सके।

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. “बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – बच्चे काम पर जा रहे हैं श्री राजेश जोशी की अत्यंत महत्त्वपूर्ण कविता है। इस कविता का प्रमुख लक्ष्य आज के युग की धारा-धाम की ज्वलंत समस्या को उठाना है। प्रस्तुत कविता में यह बताया गया है कि बच्चों के खेसने व पढ़ने के सभी धन उपलब्ध हैं, किंतु इसके बावजूद भी हजारों की संख्या में बच्चे पढ़ने-लिखने व खेलने-कूदने की अपेक्षा काम करने जाते हैं। इति ने इस समस्या को समाज के सामने एक प्रश्न के रूप में प्रस्तुत करके हर व्यक्ति को इसके विषय में सोचने व विचार करने के लिए विवश किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास के साधन यदि न होते तो बड़ी भयानक बात होती। किंतु कवि की दृष्टि में इससे भी भयानक बात यह है कि संसार में इन सभी साधनों के रहते हुए भी बच्चे इनका उपयोग न करके काम पर जाते हैं अर्थात बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है। यहीं अभिव्यक्त करना कविता का प्रमुख लक्ष्य है।

प्रश्न 2. ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर – बच्चे काम पर जा रहे हैं शीर्षक कविता एक ऐसी रचना है जिसमें समाज की ज्यात समस्या को उठाया गया है।कविता में बाल श्रम की समस्या का उल्लेख किया गया है। हमें इस कविता से शिक्षा मिलती है कि हमें बाल श्रम की समस्या के प्रति समाज में जागृति उत्पन्न करनी चाहिए और बच्चों को पढ़ने-लिखने व खेलने-कूदने के अधिकार दिलाने चाहिए जहाँ कहीं में हम बालकों को काम पर लगाया हुआ देखें तो उसके विरुद्ध हमें आवाज उठानी चाहिए। इसकी सूचना प्रशासन तक पहुंचानी एक बाल श्रम करवाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके।

Leave a Comment