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भारतीय सैनिक पर निबंध
भारत एक महान् देश है। यह शान्ति में विश्वास रखता है। परन्तु कहा जाता है कि यदि आप शान्ति चाहते हैं तो युद्ध के लिए सदा तैयार रहें। युद्ध के लिए सेना की आवश्यकता होती है। भारत के पास अपने पड़ोसी देशों का सामना करने के लिए एक विशाल सेना है। किसी भी मज़बूत देश की नींव उसकी शक्ति में होती है। किसी देश की सेना का मनोबल जितना दृढ़ होगा, उतना ही वह राष्ट्र मज़बूत होगा। सेना का निर्माण सैनिकों से होता है।
भारतीय सैनिक का महत्त्व
भारतीय सैनिक भी बहुत दृढ़ निश्चय वाला है। वह अपने देश के लिए मर मिटने को तैयार रहता है। वह मिलीट्री ग्रीन रंग की वर्दी पहनता है। उसके सिर पर टोपी होती है। उसके हाथ में बन्दूक होती है। वह सदा अनुशासन में रहता है। उसकी दिनचर्या नियमित होती है। उसे युद्ध करने के लिए सरकार द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। वह सुबह शाम युद्ध का अभ्यास करता है। वह बन्दूक से लेकर टैंक, तोपें, राडार तक चला सकता है। उसकी बन्दूक उसका गहना है तथा टैंक, तोपें, राडार उसके खिलौने शत्रु से लड़ते हुए वह उसे नाकों चने चबाने पर विवश कर देता है। युद्ध भूमि में हारता नहीं, बल्कि विजय प्राप्त करके आता है। वह लड़ते-लड़ते शहीद हो जाता है। परन्तु अपनी मातृभूमि पर आंच नहीं आने देता । वह देश के लिए कुर्बान हो जाना अपना धर्म समझता है। भारतीय सैनिक को पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 तथा कारगिल में 1999 में युद्ध करना पड़ा। हर बार उसने वीरता और साहस के साथ शत्रु का सामना करके उसे पछाड़ दिया।
भारतीय सैनिक के कर्त्तव्य
वह अपना कर्त्तव्य पूरी ज़िम्मेदारी से निभाता है। संघर्ष के समय में वह यह भूल जाता है कि उसका अपना कोई परिवार है, वह भी किसी मां का बेटा है। उस समय उसके मन में केवल मातृ-भूमि की रक्षा का प्रश्न होता है और वह यही गीत गाता है :
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।
भारतीय सैनिक की माता अपने बेटे के सैनिक होने पर गर्व करती है। मातृ- भूमि जब जब अपनी रक्षा के लिए पुकार करती है तो माताएं स्वयं अपने पुत्रों को शस्त्रों से सुसज्जित करके युद्ध भूमि में भेज देती हैं और यह आशीर्वाद देती है कि तू विजय प्राप्त करके वापस आए ताकि तुझे तरह-तरह के मैडलों से सम्मानित किया जाए। भारतीय सैनिक अपने घर सब आराम छोड़कर अपने देश के लिए कुर्बान हो जाते हैं और अन्त में भारत माता की गोद में सदा-सदा के लिए सो जाते हैं। भारतीय सैनिक जब युद्ध के मैदान में गोलियों की बौछार कर रहा होता है या बारूद फेंक कर दुश्मन को नष्ट कर रहा होता है तो उसे अपने खाने-पीने तक की चिन्ता नहीं होती। वह रात-दिन एक करके जल्दी से जल्दी शत्रु का सफाया कर देना चाहता है।
जब वह युद्ध क्षेत्र में लड़ रहा होता है तो अपनी रक्षा के लिए अपने आस- पास कुछ झाड़ियों लगा लेते हैं ताकि शत्रु को उसके ठिकानों का पता न चले। वह अपने पास गोला-बारूद भरा बाक्स भी रखता है। उसके आस-पास बड़ी-बड़ी तोपें और बन्दूकें भी होती है। वह धीरे-धीरे बड़ी सतर्कता से आगे बढ़ता है और उसके मुख से यही शब्द निकलते हैं :
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम् ।
इस प्रकार वह दुश्मनों तक पहुंच कर उनको नष्ट कर देता है और अपने देश को बचा लेता है।
भारतीय सैनिक का जीवन
एक सैनिक का जीवन वास्तव में कांटों का बिस्तर है। उनका जीवन निस्वार्थता और त्याग पर आधारित होता है। सैनिक को अपने जीवन में अनुशासन का सख्त पालन करना होता है। उसको अपने जीवन में कड़ी चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चाहे तपता रेगिस्तान हो या बर्फीले पहाड़ देश की रक्षा के लिए वो कभी भी पीछे नहीं हटते।
सैनिक बनने से पहले उन्हें काफी कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। उन्हें कठिन से कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना सिखाया जाता है।. एक सैनिक के जीवन का एकमात्र उद्देश्य देश को आंतरिक और बाहरी दुश्मनों से बचाना और देश के लिए लड़ना है।
भारतीय सैनिकों के पुरस्कार
भारतीय सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए युद्ध में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। इनकी वीरता, साहस से प्रभावित होकर भारत सरकार अपने सैनिकों को ‘वीर चक्र’, “परमवीर चक्र” जैसे प्रतीकों से सम्मानित करती रही है। युद्ध समाप्ति के बाद सैनिकों को राष्ट्रपति द्वारा शौर्य पुरस्कार दिए जाते हैं। इससे उनका और देश का मान बढ़ता है। ऐसे समय में सैनिक की माताओं का हृदय गद् गद् हो जाता है। उनके हृदय में खुशी की लहर दौड़ जाती है और सिर गौरव से ऊँचा हो उठता है। हम भारतवासी अपने देश के सैनिक पर मान करते हैं, उन्हें नमस्कार करते हैं। जो देश के लिए शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और प्रार्थना करते हैं। कि भारतीय सैनिक देश की रक्षा करते हुए युगों-युगों तक जीवित रहें।
निष्कर्ष
सैनिक देश और देशवासी के रक्षक है। वह देश की सुरक्षा हेतु अपने प्राण भी न्यौछावर कर सकते है। अगर सैनिक ना होते तो हम अपने घरो पर चैन की नींद नहीं सो पाते। सैनिक हमेशा देश की सुरक्षा के लिए हाज़िर रहता है। इसी वजह से हम इतना सुरक्षित महसूस करते है। वह निस्स्वार्थ भाव से देश की सेवा करता है।
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