मुंशी प्रेमचंद की कहानी कला की प्रमुख विशेषताएं और भाषा शैली
मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में बनारस के निकट स्थित लमही नामक गाँव में हुआ था। इनका परिवार एक साधारण कायस्थ परिवार था इनका वास्तविक नाम धनपतराय था। इनके घर की आर्थिक दशा अच्छी …
मुंशी प्रेमचंद का जन्म सन् 1880 में बनारस के निकट स्थित लमही नामक गाँव में हुआ था। इनका परिवार एक साधारण कायस्थ परिवार था इनका वास्तविक नाम धनपतराय था। इनके घर की आर्थिक दशा अच्छी …
नशा कहानी का सारांश ‘नशा’ मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक मर्मस्पर्शी कहानी है। इसमें लेखक ने एक गरीब विद्यार्थी पर वैभव तथा ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का नशा चढ़ने और उतरने का स्वाभाविक चित्रण किया है। बीच-बीच …
ठाकुर का कुआँ कहानी का सारांश “ठाकुर का कुआँ’ मुंशी प्रेमचंद कृत एक यथार्थवादी कहानी है। प्रस्तुत कहानी में निम्न वर्गीय समाज की विडम्बनाओं को व्यक्त किया गया है। भारतीय समाज में जाति-पाँत के नाम …
सवा सेर गेहूँ कहानी का सारांश ‘सवा सेर गेहूं’ महाजनी सभ्यता से जुड़ी एक मर्मस्पर्शी एवं यथार्थवादी कहानी है। इस कहानी में शोषक वर्ग की रक्त-चूषक प्रवृत्ति की और संकेत किया है, जो जीवनपर्यन्त दलित …
रामलीला कहानी का सारांश कथाशिल्पी प्रेमचंद द्वारा रचित बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानियों में से ‘रामलीला’ एक बहुचर्चित कहानी है। अपने-आपको बड़ा समझने वालों के दोहरे व्यक्तित्व तथा कारगुजारियाँ बच्चों के मन-मस्तिष्क को किस प्रकार …
पूस की रात कहानी का सारांश ‘पूस की रात’ सुविख्यात कहानीकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित लगभग साढ़े तीन सौ कहानियों में से एक श्रेष्ठ कहानी है। यह कहानी एक यथार्थवादी कहानी है। इस कहानी पर …
शतरंज के खिलाड़ी कहानी का सार ‘शतरंज के खिलाड़ी’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी है। यह एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित राजनीतिक कहानी है। कहानीकार ने प्रस्तुत कहानी में उन अनेक कारणों में से …
आत्माराम कहानी का सार महान् कहानीकार मुंशी प्रेमचंद विरचित ‘आत्माराम’ एक प्रसिद्ध कहानी है ‘आत्माराम’ कहानी मानव स्वभाव तथा उससे जुड़े आध्यात्मिक पहलुओं की परख करती है। व्यक्ति जीवन की यथार्थ विषमताओं का चित्रण कर …
पंच-परमेश्वर कहानी का सारांश सन् 1915 में प्रकाशित ‘पंच-परमेश्वर’ मुंशी प्रेमचंद की सुविख्यात कहानी है। आलोच्य कहानी एक आदर्शवादी कहानी है। इसका सार इस प्रकार है- जुम्मन शेख और अलगू चौधरी में बचपन से ही …
परीक्षा कहानी का सारांश मुंशी प्रेमचंद के मतानुसार साहित्य का कार्य केवल मनोरंजन करना ही नहीं, बल्कि किसी आदर्श लक्ष्य की स्थापना तथा जीवन-मूल्यों की प्रतिष्ठा करना भी है। ‘परीक्षा’ कहानी इन्हीं जीवन-मूल्यों की प्रतिस्थापना …