छोटा मेरा खेत व्याख्या | Chota Mera Khet Vyakhya : उमाशंकर जोशी

‘छोटा मेरा खेत’ उमाशंकर जोशी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण कविता है। इस पोस्ट के अंदर हमने  छोटा मेरा खेत कविता की व्याख्या को शब्दार्थ सहित प्रस्तुत किया है। यह कविता 12th Class NCERT की परीक्षा …

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बगुलों के पंख व्याख्या | Buglo Ke Pankh Vyakhya : उमाशंकर जोशी

बगुलों के पंख व्याख्या नभ में पाँती बंधे बगुलों के पंख, चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें। कजरारे बादलों की छाई नभ छाया, तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया। हौले हौले जाती मुझे बाँध निज …

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बात सीधी थी पर व्याख्या | Baat Sidhi Thi Par Vyakhya

नमस्कार दोस्तों, आपका हिंदीशाला वेबसाइट पर एक बार फिर से हार्दिक स्वागत है। आज के इस ब्लॉग में हम ‘कुंवर नारायण‘ द्वारा रचित ‘बात सीधी थी पर’ कविता की व्याख्या को पढ़ने जा रहें है। …

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कविता के बहाने मूलभाव – Kavita Ke Bahane Question & Answer

इस ब्लॉग में कविता के बहाने के प्रश्न-उत्तर दिए गए है। सभी के सभी प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी 12th बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रहें है …

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सहर्ष स्वीकारा है प्रश्न-उत्तर/ Saharsh Swikara Hai Question Answer

जैसा की आप सभी जानते है कि परीक्षा में अभ्यास के प्रश्न-उत्तर तो पूछे ही जाते है। इसलिए इस ब्लॉग पोस्ट में हमने सहर्ष स्वीकारा है प्रश्न-उत्तर की पूर्ण जानकारी साँझा कर दी है। ये …

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पतंग कविता प्रश्न उत्तर / Patang Kavita Prashn Uttar / आलोक धन्वा

नमस्कार प्रिय साथियों, आपका हिंदीशाला वेब पोर्टल पर स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम पतंग कविता के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को पढ़ने जा रहें है। ये सभी प्रश्न उत्तर आपकी बाहरवीं की परीक्षा …

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आत्मपरिचय कविता सप्रसंग व्याख्या : हरिवंशराय बच्चन कविता

आज के इस पोस्ट में हम हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित आत्मपरिचय कविता की सप्रसंग व्याख्या लेकर आएं है। जैसा कि आप सभी जानते है यह कविता बाहरवीं कक्षा के सिलेबस में लगी हुई है तथा …

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बादल राग व्याख्या – Badal Raag Kavita Vyakhya : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

आज के इस पोस्ट में आप बदल राग कविता के बारे में पढ़ने जा रहें है। यहाँ पर हमने ‘बादल राग सप्रसंग व्याख्या’ को अच्छे से समझा दिया है। यह कविता आपकी बाहरवीं की परीक्षा …

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रुबाइयाँ कविता व्याख्या : Rubaiya Kavita Vyakhya : फ़िराक गोरखपुरी

स्वाइयाँ कविता व्याख्या आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी हाथों पे झुलाती है उसे गोद-भरी रह-रह के हवा में जो लोका देती है गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी शब्दार्थ – चाँद …

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उषा कविता व्याख्या / उषा कविता प्रश्न-उत्तर : शमशेर बहादुर सिंह

उषा कविता के रचनाकार शमशेर बहादुर सिंह जी हैं। उन्होंने अपनी इस कविता में प्रकृति की अत्यधिक उपमा को प्रकट किया है। प्रकृति को मानव क्रिया करते हुए दिखाया जाने पर मानवीकरण अलंकार का प्रयोग …

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