Class 6 Hindi Chapter 2 NCERT Solutions : बचपन पाठ PDF

बचपन पाठ कृष्णा सोबती‘ द्वारा रचित है। इस लेख में आप Class 6 Hindi Chapter 2 NCERT Solutions को देखकर याद कर सकते है। परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको बचपन पाठ के सार को अच्छे से समझ लेना चाहिए।

Class 6 Hindi Chapter 2

‘बचपन’ पाठ का सार

यह पाठ हिंदी साहित्य की ‘संस्मरण’ विधा पर आधारित है, जिसमें लेखिका ने बच्चों तथा छात्रों को अपने बचपन के बारे में कुछ बताना चाहा है। लेखिका पिछली शताब्दी में पैदा हुई थी। अब वह बड़ी हो गई है उसमें सयानापन आ गया है। बचपन में वह रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थी, परंतु अब वह हल्के रंग के कपड़े पहनती है। लेखिका को अपने बचपन की फ्रॉकों के विषय में अब भी याद है।

हलकी नीली और पीली धारीवाला फ्रॉक गोल कॉलर और बाजू पर भी गोल कफ।” उसे अपने मोड़ों के विषय में अब भी बाद है, जिन्हें खुद धोना पड़ता था। उसे आज भी अपना बूट पॉलिश करना अच्छा लगता है। पहले जूते इतने आरामदेह नहीं होते थे। वे इतने सख्त होते थे कि उनके काटने से घाव हो जाता था और उनका इलाज करवाना पड़ता था। शनिवार को न चाहते हुए भी लेखिका को अपनी आयु के बच्चों के साथ कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था। उन दिनों आज की तरह रेडियो और टेलीविजन नहीं थे। केवल कुछ घरों में ग्रामोफोन हुआ करते थे।

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Class 6 Bachpan Paath Saar

उस समय बच्चों को कुल्फी, कचौड़ी तथा समोसा खाने को मिलते थे। उस समय भी गर्मियों के पेय पदार्थ होते थे, परंतु कोक-पेप्सी की जगह शहतूत, फाल्से और खसखस के शरबत पीये जाते थे। बचपन में लेखिका को पेस्ट्री और चॉकलेट पसंद थी जिसे वह रात के खाने के बाद आराम से बिस्तर में लेट कर खाती थी। उसे शिमला के काफल, चना जोर गरम और अनारदाने के चूर्ण बहुत पसंद थे। चने जोर गरम की पुड़िया जो तब थी, वह अब भी नज़र आती है। एक वक्त था जब फिल्म का गाना “चना जोर गरम बाबू में लाया मज़ेदार, चना जोर गरम” स्कूल के हर बच्चे को आता था।

लेखिका ने छुटपन में शिमला रिज पर खूब मजे किए हैं। शाम के रंगीन गुब्बारे, सामने जाखू का पहाड़, चर्च की बजती घंटियाँ और उनका संगीत मनोहारी था लेखिका को सूर्यास्त का दृश्य सुहावना लगता था। उस समय आजकल के समान तेज रफ़्तार वाली रेलगाड़ियाँ भी नहीं थीं। कभी-कभी हवाई जहाज देखने को मिल जाते थे। उड़ते हुए हवाई जहाज ऐसे लगते थे कि मानो कोई भारी-भरकम पक्षी तेज गति से उड़ा जा रहा है।

लेखिका को शुरू-शुरू में चश्मा लगाना अटपटा लगता था। डॉक्टर कहते थे कि यह बाद में उत्तर जाएगा, परंतु अब तक तो यह (चश्मा) उतरा नहीं। जब लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया था तो उसके भाई उसे छेड़ने लगे।

वे कहते थे कि चश्मा लगाने के कारण तुम्हारी सूरत लंगूर जैसी लग रही है। अब वही चश्मा मेरे शरीर का एक अंग बन गया है। लेखिका ने अनेक टोपियों इकट्ठी कर रखी हैं, जिन्हें वह आज भी लगाना पसंद करती हैं।

Class 6 Hindi Chapter 2 Question Answer

प्रश्न1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थीं?
उत्तर- लेखिका बचपन में इतवार की सुबह ये कार्य किया करती थी जैसे जूतों को पोलिश करना, मोज़ो व स्टाकिंगों को धोना।

प्रश्न2. ‘तुम्हे बताऊंगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है। इस बात के लिए लेखिका क्या क्या उदाहरण देती है?
उत्तर- ‘हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हों चुकी है इस बात से लेखिका कहती है कि अब बचपन की रूचियाँ बदल चुकी।अब कुल्फी की जगह आइसक्रीम, कचौड़ी समोसा की जगह पेटीज़ लेती जा रही है। शहतूत और फाल्से और खसखस के शरबत कोक और पेप्सी में बदल गए हैं। आज कल ग्रामोफ़ोन की जगह हर घर में रेडियो और टेलीविज़न आ गए हैं।

प्रश्न3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर- लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करने से लेखिका की आँखों की रोशनी कमज़ोर हो गई थी।

चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें ये कहकर चिढ़ाते थे कि-

आँख पर चश्मा लगाया
ताकि सूझे दूर की
यह नहीं लड़की को मालूम
सूरत बनी लंगूर की।

प्रश्न4. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन-सी चीजें मज़ा ले-ले खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर- लेखिका बचपन में अनारदाना का चूर्ण तथा चॉकलेट बहुत मज़े से खाती थी।

उनमें से प्रमुख फलों के नाम :- रसभरी, कसमल और काफ़ल।

संस्मरण से आगे

प्रश्न1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफोन और शोरूम में शिमला कालका ट्रैन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़े थीं। आज क्या क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर- वर्तमान में मुझे डिजिटल घड़ी, मेट्रो ट्रैन, मिसाइल, बुलेट ट्रेन, मोबाइल आकर्षित करती हैं।

प्रश्न2. अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो।
उत्तर- मेरे बचपन की सबसे मनमोहक घटना यह है कि एक बार मैं अपने पिताजी के साथ गणतंत्र दिवस पर परेड देखने गया था वहाँ मैंने कई प्रकार की मिसाइल और झाँकिया देखी तथा पिताजी ने मुझे उन सभी के कार्य के बारे में बताया।

अनुमान और कल्पना प्रश्न उत्तर 

प्रश्न1. सन 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर-
सन 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रे लेकिन उस समय शिमला ज्यादा विकसित नहीं हुआ करता था उस समय शिमला में रेस्तराँ खुलना शुरू हुए थे। तब शिमला में अच्छे रास्ते नहीं थे इसलिए लोगों को दूसरी जगह जाने के लिए बहुत चढ़ाई करनी होती थी। शिमला रिज पर घुड़सवारी हुआ करती थी और वहाँ एक स्कैंडल पॉइंट भी हुआ करता था।

प्रश्न2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है?
उत्तर- लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है,मेरे अनुमान से सरवर उनका कोई दोस्त या सहकर्मचारी हो सकता है जिसका कोई परिचय नहीं दिया गया है।

बचपन पाठ प्रश्न-उत्तर

प्रश्न1. अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
उत्तर- स्वयं करें।
संकेत : छात्र अपनी कल्पना से डिज़ाइन बनाएँ। लड़के कोट-पैंट या कुर्ता पाजामे का डिजाइन बना सकते हैं और लड़कियाँ फ्रॉक या सलवार कमीज को डिजाइन बना सकती हैं। यह भी लिखें कि पोशाक बनाते समय आप किस बात का ध्यान | रखेंगे-पहनने में सुविधा और आराम का या आधुनिकता और कारीगरी का।

प्रश्न3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर- हथकरघा पर हाथ से कपड़े बनाए जाते हैं और मिल में मशीन के द्वारा। छात्र किसी कारखाने का भ्रमण कर यह जानने का प्रयास करें कि कपड़े बनाने की प्रक्रिया क्या है।

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