संत काव्य धारा की विशेषताएँ | संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ PDF
संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ निर्गुण संतकाव्य से अभिप्राय उस काव्य से है जिसके अनुसार ईश्वर का न तो कोई नाम है, न कोई रूप और आकार। जिस कवि ने इस तरह का काव्य रचा, …
संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ निर्गुण संतकाव्य से अभिप्राय उस काव्य से है जिसके अनुसार ईश्वर का न तो कोई नाम है, न कोई रूप और आकार। जिस कवि ने इस तरह का काव्य रचा, …
हिंदीशाला के इस पोस्ट में हम हिंदी के बहुत ही प्रसिद्ध कवि कबीरदास की भक्ति भावना के बारे में पढ़ने जा रहें ही। यदि आप हिंदी के विद्यार्थी है तो निश्चित तौर पर आपने कबीर …
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के एक सुप्रसिद्ध काल भक्तिकाल की भाषा, काव्य रूप और उस काल में प्रयुक्त छंदो के बारे में पढ़ने जा रहें है। यदि आप हिंदी विषय …
हिन्दी साहित्य इतिहास लेखन की परम्परा आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ हिंदी साहित्येतिहास लेखन की परम्परा के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। हिंदी साहित्य इतिहास लेखन का सभी विद्यार्थियों को …
चन्द्रगुप्त का चरित्र चित्रण चन्द्रगुप्त ध्रुवस्वामिनी’ नाटक का प्रमुख पात्र है। यह पात्र इतिहास प्रसिद्ध पात्र है। चन्द्रगुप्त सम्राट समुद्रगुप्त का द्वितीय पुत्र था, जिसे उन्होंने हर तरह से योग्य जानकर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया …
नमस्कार प्यारे दोस्तों ! आज के इस पोस्ट में हम हिंदी साहित्य के एक ऐसे युग की चर्चा करने जा रहें है जिसे उसकी प्रवृत्तियों के कारण छायावाद का नाम दिया गया। इस युग में …
भक्तिकाल की परिस्थितियाँ आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्येतिहास में भक्तिकाल की समय सीमा वि.सं. 1375 से वि.सं. 1700 (1318 से 1643 ई.) निश्चित की है। तमाम विद्वान् इस काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण …
आदिकाल के कवियों की महत्त्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ दोस्तों यदि आप UGC NET/JRF हिंदी विषय की तैयारी कर रहें है तो आपके लिए यह टॉपिक बहुत ही ख़ास होने वाला है। इसका कारण यह है कि …
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के प्रमुख कथन – आदिकाल के संदर्भ में हिंदी विषय के सभी छात्रों ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल का नाम तो अवश्य ही सुना होगा। इनके द्वारा लिखा गया हिंदी इतिहास बहुत ही …
गांधी युग का साहित्य / Gandhi Yug Ka Sahitya : सन 1920 से लेकर सन 1947 तक के साहित्यिक काल-खंड को हमने गांधी-युग कहा है। इस युग में हमारे स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व जिन नेताओं …