साथी हाथ बढ़ाना कविता सार & प्रश्न-उत्तर PDF | Class 6th Chapter 7th Hindi

साथी हाथ बढ़ाना

साथी हाथ बढ़ाना कविता का सार

साथी हाथ बढ़ाना कविता के कवि साहिर लुधियानवी हैं। प्रस्तुत गीत के माध्यम से गीतकार ने मिल-जुलकर कार्य करने की प्रेरणा दी है। मनुष्य अपने परिश्रम के बल पर अपनी किस्मत बदल सकता है। वह कठिन से कठिन कार्य भी कर सकता है एक साथ मिलकर कार्य करने से मनुष्य हर प्रकार की कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर सकता है।

इसलिए कवि ने मिल-जुलकर कार्य करने के लिए लोगों का आह्वान किया है। 1955-56 के आसपास ‘नया दौर’ फिल्म में यह गीत लिखा गया। उस समय देश को आजादी कुछ ही वर्षों पूर्व मिली थी। देश में नव निर्माण के कार्यों की जोर-शोर से आवश्यकता थी। ऐसे समय में ऐसे गीत का लोकप्रिय होना स्वाभाविक था।

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प्रश्न 1. इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो ?

उत्तर- गीत की निम्नलिखित पंक्तियों को हम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं-

“हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया

सागर ने रस्ता छोड़ा, परवत ने सीस झुकाया

फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाहें

एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया।”

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प्रश्न 2. ‘सागर ने रस्ता छोड़ा, परवत ने सीस झुकाया’ -साहिर ने ऐसा क्यों कहा है ? लिखो ।

उत्तर- साहिर ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि परिश्रमी व्यक्तियों ने हर प्रकार के असंभव कार्य को संभव कर दिया है। कठिन परिस्थितियाँ भी उन्हें झुका नहीं पाई। वे अपनी मेहनत से परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना लेते हैं।

प्रश्न 3. गीत में सीने और बाँहों को फौलादी क्यों कहा गया है ?

उत्तर- सीने और बाँहों को फौलादी इसलिए कहा गया है क्योंकि हमारे इरादे मजबूत हैं। लगातार परिश्रम करते-करते हमारी बाहें बहुत मजबूत हो चुकी हैं और हम आगे भी परिश्रम के लिए तैयार हैं।

गीत से आगे

प्रश्न 1. अपने आसपास तुम किसे ‘साथी’ मानते हो और क्यों? इससे मिलते-जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो।

उत्तर- अपने आसपास हम अपने साथी मनुष्यों, अपने मित्रों, पशु-पक्षियों और जानवरों को मानते हैं क्योंकि ये सभी हमें काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। सहपाठी, पड़ोसी, पालतू कुत्ता, पालतू कबूतर, पड़ोस के बच्चे, पालतू पक्षी, सहकर्मचारी एक ही टीम के बच्चे, पालतू जानवर, गुरु-भाई आदि ।

प्रश्न 2. ‘अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक’ कक्षा, मोहल्ले और गाँव/ शहर के किस-किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और कैसे ?

उत्तर- ‘अपना दुख भी एक है साथी अपना सुख भी एक इस सच्चाई को हम अपनी कक्षा, अपने मोहल्ले के अपने आयु वर्ग के बच्चों एवं एक समान आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति वाले साथियों के बीच महसूस कर सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि वे भी ठीक हमारी तरह ही जीवन-यापन करते हैं।

प्रश्न 3. इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो ?

उत्तर- इस गीत को हम एक साथ मिलकर मेहनत का काम करते हुए गुनगुना सकते हैं।

प्रश्न 4. ‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’-

(क) तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?

(ख) पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं?

(ग) क्या वे एक-दूसरे का हाथ बँटाते हैं?

उत्तर- (क) माता-पिता के साथ उनके कार्यों में हाथ बँटाकर ध्यान रख सकते हैं।

(ख) पापा का काम अपने ऑफिस में काम करना, बैंक से रुपए लाना तथा बाजार से सामान लाना है। मम्मी का काम खाना पकाना, सफाई करना, कपड़े सिलना तथा मेहमानों का स्वागत करना है।

(ग) हाँ, वे एक-दूसरे की मदद करते हैं।

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